Sunday, May 19, 2024
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ATM Ka Full Form in Hindi

दोस्तो आज हमलोग इस लेख के माध्यम से जानेंगे ATM के बारे में।

ATM क्या है, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, ATM कैसे काम करता है, ATM के क्या क्या से पार्ट्स होते है, तथा इस से बिना बैंक गए कैसे आसानी से मिनटों में पैसे निकाल या डाल सकते है, ATM Ka Full Form in Hindi तथा अनेको सारी जानकारी इसके बारे में आज हमलोग अपने इस लेख के माध्यम से जानेगे।

आज कल के युग मे ATM का इस्तेमाल लगभग सभी लोग करते है, शायद ही कोई ऐसे व्यक्ति है जो ATM का इस्तेमाल नही करते है

वैसे देखा जाए तो इस मशीन का उपयोग सभी लोग करते है। लेकिन इसका जानकारी सभी लोगो के पास नही होता है। बहुत से ऐसे लोग है जो ATM का इस्तेमाल सही तरीके से नही कर पाते है, जिस से उनको बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है

तो चलिय आज हम बात करते है एटीएम के बारे में। इस लेख में आज हमलोग विस्तार से जानेगे एटीएम के बारे में तो चलिय शुरू करते है।

ATM क्या है (What is ATM in Hindi)?

ATM ( एटीएम ) –  एटीएम एक ऐसा कंप्यूटरीकृत  मशीन है, जो हमे बिना बैंक गए, तुरंत पैसा निकालने का सुविधा देता है।। इसका सेवा दिन और रात 24 घंटा के होता है। यह हमारे बैंक से ज़ुरा होता है और हम अपने एटीएम कार्ड के मदद से बिना बैंक गए, कही से भी पैसा निकाल और डाल सकते है।

एटीएम में सबसे खास बात यह है कि यह यहाँ हम सिर्फ पैसे डाल ही नही बल्कि निकाल बहु सकते है।

एटीएम के इस्तेमाल ने हमारे पैसे के डिपोजिट और विथडरॉल के कामो को काफी सुविधाजनक और आसान बना दिया है।

एटीएम से ये फायदा भी है कि पैसे निकालने के लिए हमे सिर्फ अपने एकाउंट के मतलब बैंक के एटीएम को खोजने का जरूरत नही है, हम किसी भी बैंक के एटीएम से अपना पैसा निकाल सकते है।

Atm से हम पैसे निकालने के अलावा और भी कई काम कर सकते है। जैसे – Balance inquiry , Money Transfer, Mini Statement और आजकल ATM मशीनो में पैसे deposit करने का Option भी होता है।

एटीएम का पूरा नाम क्या है (ATM Ka Full Form in Hindi)

एटीएम का पूरा नाम ATM – Automated Teller Machine  होता है । 

हिंदी में इसे ” स्वचालित गणक मशीन के नाम से जानते है, मतलब हिंदी में इसका पूरा नाम यह होता है।

ATM Full Form (ATM Ka Full Form Kya Hai)

Atm का फुल फ्रॉम –  Automated Teller machine.

Hindi में – स्वचालित गणक मशीन।

एटीएम का फुल फॉर्म हिंदी में (Full form of ATM in Hindi)

एटीएम – स्वचालित गणक मशीन।

एटीएम के दुसरे फुल फॉर्म्स

जिस समय एटीएम स्वचालित गणक मशीन का अविष्कार हुआ था, उस समय एटीएम को लोग 

बैंकोग्राफ के नाम से जाना जाता था।

ATM के प्रकार (Types of ATM in Hindi)

एटीएम के प्रकार निम्न प्रकार है।

  • White label ATM –  जो एटीएम गैर बैंकिंग कंपनी के स्वामित्व में होता है, और उनके द्वारा ही इसे संचालित किया जाता है । ऐसे एटीएम को वाइट लेबल एटीएम कहा जाता है।
  • Brown label ATM – वैसे एटीएम को ब्राउन लेबल atm कहते हैं, जो एटीएम बैंक द्वारा संचालित न होकर किसी तीसरे द्वारा संचालित होता है, जिसने इसको लीज पर लिया हो वैसे सेवा को ब्राउन लेबल एटीएम कहा जाता है।
  • Offsite ATM – वैसे  एटीएम जो बैंक परिसर के बाहर संचालित होते है, जैसे मॉल, आवासीय, सोसाइटी, आदि ऐसे सेवा को off site एटीएम के नाम से जाना जाता है।।
  • Onsite ATM – वैसे एटीएम जो बैंक परिसर के अंदर संचालित होते है, वैसे सेवा को onsite एटीएम के नाम से जाना जाता है।

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ATM के Parts क्या हैं?

अब हमलोग जानेगे एटीएम के पार्ट्स के बारे में । क्योंकि पैसे तो हर कोई निकाल लेते है, पर किसी को एटीएम के भागों के बारे में पता नही होता है। तो हमलोग जानेगे एटीएम के basic पार्ट्स के बारे में जानकारी।

एटीएम मशीन 4 output device तथा 2 इनपुट डिवाइस से बना होता है।

ATM Output Device

  1. Speaker-  एटीएम मशीन के अंदर एक speaker लगा होता है, जिससे हम किसी भी बटन को press करते है, तो एक आवाज सुनाई परता है।
  2. Screen-  एटीएम में  lcd स्क्रीन एक महत्वपूर्ण भाग होता है। जब हम एटीएम से पैसे निकलते या कोई काम करते है, तो हमे सारी ऑप्प्शन स्क्रीन पर दिखाई पड़ती है।
  3. Printer- जब हम अपने एटीएम से मिनी स्टेटमेंट या बैलेंस इन्क्वारी करते है तो हमे एक receipt मिलती है। जो हमे ATM के अंदर लगे प्रिंटर से प्रिंट हो कर मिलती है।
  4. Cash dispenser-  एटीएम मशीन से जिस जगह से कॅश निकलता है, उस जगह को कॅश डिस्पेंसर बोला जाता है।

ATM Input Device 

  1. Card Reader – कार्ड रीडर  हमारे एटीएम के पीछे लगे मैग्नेटिक स्ट्रीप से हमारे एकाउंट डिटेल को कैप्चर करता है। और होस्ट प्रोसेसर के द्वारा ये जानकारी हमारे बैंक के सर्वर पर भेजी जाती है।
  2. Pin No. – ये हमारे मुख्य रूप से पिन नंबर डालने तथा amount डालने के लिए काम मे आता है। जो स्क्रीन में नीचे की तरफ होता है।

ATM कैसे काम करता है (How ATM Works in Hindi)?

तो चलिए दोस्तो जानते है एटीएम कैसे काम करता है। 

एटीएम मशीन इंटरनेट से चलती है। और ये बैंक के सर्वर से जुड़ी होती है। पैसे निकालने के लिए या किसी भी जानकारी के लिए हम अपने एटीएम कार्ड को एटीएम के कार्ड रीडर के स्लॉट में डालते है, उसके बाद ATM हमारी एकाउंट से जुड़ी सारी जानकारी की इकट्ठा करती है, और चेक करती है। जो हमारे एटीएम कार्ड में मैग्नेटिक सटीक या चिप में लगी होती है उससे।

इसके बाद हमरा PIN ( पर्सनल इडेंटिफिकेशन नंबर ) मंगा जाता है। और फिर हमारे एकाउंट से जुड़ी सारी जानकारी बैंक तक भेजी जाती है। और सारी जानकारी सही होने पर bank से एटीएम को रेस्पोंस मिलने पर एटीएम हमरा सारा ट्रांजेक्शन कम्पलीट कर देता है।

सारे एटीएम सेटेलाइट के बैंकों के सर्वर से जुड़े होते है। इसलिए हम कही भी कभी भी किसी समय 24 घंटे किसी भी एटीएम मशीन से पैसे आसानी से निकाल सकते है।

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ATM के बारे में कुछ तथ्य (Some Facts About ATM in Hindi)

एटीएम का अविष्कार स्कॉटलैंड के रहने वाले John Shepherd-Barron ने किया। 

  • भारत मे सबसे पहला एटीएम सितंबर 1987 में मुंबई में सिटी बैंक और Hsbc बैंक में लगाया गया था।
  • सबसे पहले ATM का उपयोग उपयोग करके पैसे निकालने वाले व्यक्ति मशहूर कॉमेडी ऐक्टर Reg warne  थे।।
  • सबसे प्रमुख बात एटीएम में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला पीन नम्बर1234 होता है।
  • पहला तैरने वाला एटीएम केरला (कोची) में लगाया गया था।
  • सबसे ऊंचा एटीएम नाथू लॉ में है। यह एटीएम भारत और चीन बॉर्डर पर सेना के लिए लगया गया।
  • सबसे ज्यादा एटीएम वाला देश साउथ कोरिया हैं।

ATM (Automated Teller Machine) एक ऐसा कंप्यूटरीकृत मशीन है, जो हमें बिना बैंक गए तुरंत पैसे निकालने की सुविधा देता है। एटीएम एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो बैंक द्वारा बैंक ग्राहकों के लिए प्रदान की गई सुविधा है।

आपको हम बता दे कि एटीएम का आविष्कार जॉन शेफर्ड बैरन ने 1960 ई0 में स्वचालित गणक मशीन का अविष्कार किया। उस समय एटीएम को बैंकोग्राफ कहा जाता था। 

कहा जाता है कि एटीएम का सबसे पहले उपयोग लंदन में किया गया था। भारत मे एटीएम की सुविधा 1987 में शुरू हुआ, जो  मुंबई में सबसे पहले लगाया गया था।

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एटीएम से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ on ATMs)

एक स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) क्या है?

ऑटोमेटेड टेलर मशीन एक कम्प्यूटरीकृत मशीन है जो बैंकों के ग्राहकों को नकदी निकालने के लिए उनके खातों तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करती है बिना बैंक शाखा गए हुए वित्तीय लेनदेन करने की सुविधा प्रदान करती है।

एटीएम में किस प्रकार के कार्ड का उपयोग किया जा सकता है?

डेबिट कार्ड/एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड (जो नकद निकासी की अनुमति देते हैं) का उपयोग विभिन्न लेनदेन के लिए एटीएम में किया जा सकता है।

एटीएम में कौन सी सेवाएं सुविधाएं उपलब्ध हैं?

खाता संबंधी जानकारी
नकद जमा
मिनी स्टेटमेंट
नियमित बिल भुगतान
मोबाइल के लिए री-लोड वाउचर की खरीद

एटीएम पर कितने लेनदेन मुफ्त हैं?

ग्राहक अपने स्वयं के बैंक एटीएम से प्रति माह वित्तीय और गैर-वित्तीय सहित पांच मुफ्त लेनदेन कर सकते है.।

एटीएम में कोई कैसे लेनदेन कर सकता है?

एटीएम में लेनदेन करने के लिए, ग्राहक एटीएम में अपना कार्ड डालें यानि की स्वाइप करें और अपनी व्यक्तिगत पहचान संख्या (पिन) दर्ज करें और उसके बाद अमाउंट जो आप निकलना चाहते है वो दर्ज कर प्रोसेस करे.

व्यक्तिगत पहचान संख्या (पिन) क्या है?

पिन एटीएम में उपयोग के लिए संख्यात्मक पासवर्ड है। कार्ड जारी करते समय बैंक द्वारा पिन ग्राहक को प्रदान किया जाता है जिससे बाद में ग्राहक को बदलना होता है .

अगर कार्ड गुम/चोरी हो जाए तो क्या करें?

ग्राहक कार्ड जारी करने वाले बैंक से तुरंत संपर्क कर सकता है ताकि बैंक ऐसे कार्डों को ब्लॉक कर सके। अथवा नेट बैंकिंग की मदद से ग्राहक खुद भी कार्ड को ब्लॉक कर सकते है.

क्या बैंक अन्य बैंक के एटीएम के उपयोग के लिए कोई सेवा शुल्क लेते हैं?

बैंक मुफ्त लेनदेन की संख्या प्रति माह अधिकतम पांच तक सीमित कर रखा हैं। इस संख्या से अधिक के लेनदेन के लिए, बैंक प्रति लेनदेन पर अधिकतम 20 रुपये तक का शुल्क ग्राहक से लेते हैं।

एटीएम से निकासी की सीमा क्या है?

25,000 प्रति दिन

क्या मैं अलग-अलग बैंक के एटीएम से पैसे निकाल सकता हूँ?

महानगरों में ग्राहक अन्य बैंक के एटीएम से तीन बार मुफ्त लेनदेन कर सकता है वही par छोटे शहरों में दूसरे बैंकों के एटीएम से पांच बार फ्री ट्रांजैक्शन कर सकता है। 
यदि लेनदेन महीने में पांच से अधिक है, तो ग्राहक को प्रत्येक निकासी के लिए 20 रुपये का शुल्क देना होगा

Conclusion On ATM Ka Full Form

तो चलिय दोस्तो आज इतना ही, हमने एटीएम के बारे में सारी जानकारी विस्तृत में जाना। आपको मेरे द्वारा दिया गया जानकारी अच्छा लगा हो या मेरे द्वारा बताए गए जानकारी से आप संतुष्ट हैं तो इसको शेयर करना न भूले।

आशा करता हु की मेरे द्वारा बताई गई एटीएम के बारे में सारे जानकारी आपको अच्छी जरूर लगी होगी। अगर इस जानकारी से आप संतुष्ट हैं तो इसको शेयर जरूर करे। जिससे आपके साथ- साथ और लोगो को भी इसके बारे में जानकारी मिल सके।।

धन्यवाद।।

Olympic Khel Kya Hota Hai. What is Olympic Games in Hindi Full Detail

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आज हम अपने लेख में बात करेंगे Olympic Khel Kya Hota Hai, Olympic game kya hai, इसको कैसे खेला जाता है, भारत ने इस खेल में कौन-कौन से मेडल अपने नाम किया है, तथा ओलंपिक में कूल कितने खेल होते है इत्यादि सारी जानकारी इस खेल का आज हमलोग अपने लेख में जानेंगे आज।

तो चलिय दोस्तो आज अपने इस लेख के माध्यम से ओलम्पिक खेल को पूरे विस्तार से जानते है। वैसे बहुत से लोग है, जिनको इसके बारे में कोई जानकारी नही है,तो ध्यान से इस लेख को देखिए इसमें ओलंपिक खेल से जुड़ी सारी जानकारी आपको मिलेगी।

Olympic Games in Hindi

ओलिंपिक खेल क्या होता है.  What is Olympic Games in Hindi

ओलंपिक खेल(Olympic Games) – ओलंपिक खेल सारे प्रतियोगिताओ में होने वाली सब खेल में अग्रणी खेल है, जिसमें हजारों एथलीट कई प्रकार के खेलों में भाग लेते है।

ओलंपिक की शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन प्रतियोगिताओ में 200 से ज्यादा देश प्रतिभाग के रुप मे शामिल होते है।। ओलंपिक खेल प्रत्येक 4 वर्षों में आयोजित होता है।

ओलंपिक खेल में दुनिया के कोने- कोने से हजारों की संख्या में खिलाड़ि भाग लेते है, और अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का सपना रखते है, जो कोई भी खिलाड़ी इस लक्ष्य को प्राप्त करता है, उसका नाम पूरे देश के साथ – साथ किताबों में भी एक चर्चा का विषय बन जाता है, इसलिए इसको पाने के लिए सालो – साल कड़ी मेहनत करते है।

इस अंतराष्ट्रीय ओलंपिक खेल का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि दुनिया को एकजुट करके विश्व- शांति स्थापित करने का कार्य करती है। 

ओलंपिक की यह प्रतियोगिता ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन प्ररूपो के अलावा यूथ ओलंपिक ( जिसमें 14 साल से 18 साल के युवा ) भाग लेते है।। और पैरालंपिक ( जिसमे दिव्यांग – जन या विकलांग – जन प्रतियोगी भाग लेते है ) के प्ररूपो में भी खेली जाती है।

ओलिंपिक खेल का इतिहास   History of Olympic Games in Hindi 

प्राचीन ओलंपिक खेलों का इतिहास- 

यदि प्राचीन ओलंपिक खेलों के इतिहास के  बारे में बात करे तो ओलंपिक खेलों का इतिहास लगभग 2800 वर्ष पुराना बताया जाता है।। 

अगर इतिहासकारो की माने तो उनके अनुसार सबसे पहले इन खेलों का आयोजन 776 BC में यूनान (ग्रीस) के देवता ज्युस (जीसस) के सम्मान में किया गया था। कहा जाता है कि इस समय इस खेल में सिर्फ पुरूष ही भाग लेते थे, और दर्शक बनकर इस खेल का आनंद भी लेते थे।

इसके बाद 394 AD आते-आते रोम (इटली) के सम्राट थियोडीसीयस ने इन खेलों की मूर्ति पूजा का उत्सव बताकर इन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश घोषणा कर दिया। इसके बाद यह खेल छोटे- मोटे वर्गों के बीच अलग-अलग प्रकार की प्रतिस्पर्धा के रूप में होते रहे,लेकिन इन खेलों के आयोजन पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा रहा।

आधुनिक ओलंपिक खेल का इतिहास – 

अगर आधुनिक ओलंपिक खेलों की इतिहास  की बात करे तो इसका मुख्य क्षेय ” बैरोन पियरे डिकोबरटीन को दिया जाता है’।

इन्होंने ही इस खेल का शुभारंभ 1894 में यूनान ( ग्रीस ) के ओलंपिया-स्टेडियंम में दुनिया भर के खिलाड़ियों को बुला कर इस खेल का आयोजन रखा और यह आयोजन सफल भी रहा।

इसके बाद सबके पहले सन, 1896 में यूनान (ग्रीस) की राजधानी एथेंस के ओलंपिया स्टेडियम में इन खेलो का आयोजन किया गया, जिनका नाम ओलंपिक खेल रखा गया।

इसके 4 साल बाद 1900 में दुबारा से इस खेल का आयोजन पेरिस जो कि फ्रांस की राजधानी है, उसमे किया गया।। और इसी समय से इस खेल के दूसरे चरण में महिलाओं ने भी भाग लेना शुरू कर दिया।

और देखते – देखते इसी प्रकार इस खेल का आयोजन हर 4 वर्ष में होने लगा। जो कि 1904 में तीसरा चरण सेंट लुइस तथा चौथा चरण 1908 में लंदन में संपन्न हुआ।

ओलिंपिक खेल का सञ्चालन कौन करता है.

दुनिया की सबसे अंतराष्ट्रीय बहु- प्रतियोष्ठित ओलंपिक खेलों का आयोजन ” अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति” के द्वारा किया जाता है।

यह समिति इन खेलों से जुड़ी सारी फैसला लेती है, जैसे कि कौन से खेल को ओलंपिक में डालना है, इन खेल का आयोजन कब और कहाँ करना है,, इत्यादि इस खेल के सारे फैसले यही समिति के द्वारा गठन किया जाता है।

इस समिति ( ioc ) की स्थापना 23 जून 1894 ई0 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई थी। जिसका मुख्यालय लौसेन स्विट्जरलैंड में है।

जानकारी के लिए बता दे कि अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति में वर्तमान (2021) में कुल 103 सदस्यों की संख्या है, जिसमें ioc के मौजूद अध्यक्ष थॉमस बॉस हैं।

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल (Summer Olympic Games)

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलो कि बात करे तो इन खेलों का आयोजन गर्मी के दिनों में किया जाता है। इसके अलावा सबसे पहले आधुनिक ओलंपिक प्रारूप के तौर पर इन्ही खेलो का शुरुआत हुई थी। 

इनकी शुरुआत 1896 ई0 में एथेंस, यूनान (ग्रीस) में कई गयी थी, जो कि आजतक 4 वर्षों के अंतराल के तौर पर अंतरष्ट्रीय ओलंपिक समिति के द्वारा दुनिया भर में आयोजित किया जाते है।

शीतकालीन ओलम्पिक खेल (Winter Olympic Games)

शीतकालीन ओलंपिक खेलों की बात करें तो इसका आयोजन सर्दियों में किया जाता है।

इसके अलावा शीतकालीन ओलंपिक खेलो का आयोजन सबसे पहले अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के द्वारा सन, 1924 पेरिस, फ्रांस में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के साथ इसका आयोजन किया गया।

इसके बाद लगातार 1992 तक इस खेल शीतकालीन ओलंपिक खेल  का आयोजन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के साथ ही होता रहा।।  लेकिन1992 में अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को लगा कि एक साथ दोनों को पूरा करना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि इन दोनों का आयोजन – स्थल अलग-अलग होते हैं।

जिसमें 1994 लिलीहामर में शीतकालीन ओलंपिक अलग आयोजित कराए गए, इसके बाद 1998 में नागनो और 2002 में साल्ट लेक सीटी में शीतकालीन ओलंपिक खेल का आयोजन किया गया।

आपको जानकारी के लिए बता दे कि शीतकालीन ( शर्दी ) ओलंपिक में बर्फ़ से जुड़े खेल ही खेले जाते है।

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और शीतकालीन ओलंपिक में क्या अंतर है?

दोनो शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में मुख्य रूप से अंतर यह है कि दोनों खेलो का आयोजन अंतरष्ट्रीय ओलंपिक समिति ioc के द्वारा प्रत्येक 2 वर्षों के अंतराल पर किया जाता है। उन दोनों के बीच  में अंतर उन स्थानों का है जहाँ पे वे आयोजित हुए थे, और वे खेल जो वे प्रदर्शित करते है।

शीतकालीन ओलंपिक जैसा कि नाम से पता चलता है, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में आयोजित किये जाते है, इसलिए इन्हें शीतकालीन खेल भी कहा जाता है। 

कुछ लोकप्रिय शीतकालीन खेल जैसे, आइस-स्केटिंग, फिगर-स्केटिंग, आइस-हॉकी, स्नोबोर्डिंग, स्किंग आदि जैसे शीतकालीन खेल है। यह खेल एक मेजबान शहर में 2-3 सप्ताह की अवधि के लिए आयोजित होता है।

इस खेल में विजेता को स्वर्ण पदक प्राप्त होता है, तथा पहले रनर अप ने रजत पदक तथा दूसरे रनर अप को कांस्य पदक से सम्मानित किया जाता है।

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल है जो मुख्यह गर्मियों के मौसम में आयोजित किये जाते है।

ग्रीष्मकालीन खेल में आयोजित खेल और खेल का आयोजन शीतकालीन खेल के आयोजन के बिल्कुल विपरीत होती है। 

यह कहना भी उचित है कि यह प्रतियोगिता जो दुनिया की सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी और सबसे अधिक खेल की घटनाओं का अनुसरण करती है। 

इन आयोजनों में एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, तैराकी, भारोत्तोलन, हॉकी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, जिमनास्टिक, आदि शामिल हैं। शीतकालीन ओलंपिक खेल के अनुसार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक भी 2-3 सप्ताह आयोजित की जाती हैं, और इसमें शीतकालीन जैसे ही पदक देने की प्रक्रिया है।  इन दोनों खेलो में जीत का वर्चस्व जो हैं वो संयुक्त राज्य अमेरिका के पास है।

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भारत में ओलिंपिक खेल का इतिहास .

भारत के ओलंपिक खेलों की इतिहास बात करे तो भारत ने सबसे पहले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के दूसरे चरण में वर्ष 1900 पेरिस (फ्रांस) ओलंपिक में हिस्सा लिया था। 

जिसमें कोलकाता के ब्रिटिश भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन गिल्बर्ट परिचर्ड ने भारत का प्रतिनितत्व करते हुए 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौर में 2 रजत पदक जीते थे।

इसके बाद भारत ने 20 वर्ष तक किसी भी ओलंपिक में हिस्सा नही लिया, लेकिन साल 1920 में एंटवर्प बेल्जियम ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत ने दुबारा हिस्सा लिया। लेकिन इस बार उसे बिना किसी पदक के ही संतोष करना पड़ा।

लेकिन उसके बाद से भारत हर ओलंपिक में अपना हिस्सा लेते आ रहा है।

भारत ने अपने ओलंपिक के इतिहास में आज तक कुल 28 पदक अपने नाम किया है। जिसमें भारत को 9 स्वर्ण पदक ( 8 स्वर्ण पदक हॉकी में तथा 1 स्वर्ण पदक निशानेबाजी में ), 7 रजत पदक तथा 12 कांस्य पदक प्राप्त हुआ है।

बता दे कि भारत की हॉकी टीम ओलंपिक के इतिहास में आज तक की सबसे सफल टीम है। जिसका रेकॉर्ड तोड़ना लगभग पूरी दुनिया के लिए असंभव है। 

भारत ने हॉकी में लगातार 6 स्वर्ण पदक (1928,1932,1936,1948,1952,1956,1964,1980 ) के साथ कुल 8 स्वर्ण पदक 1 रजत पदक तथा 2 कांस्य पदक जीता है।

ओलिंपिक में कुल कितने खेल होते है.

2016 रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) में आयोजित समर ओलंपिक में कुल खेलों की संख्या 28 थी। लेकिन आगामी 2021 टोक्यो जपान समर ओलंपिक के लिए 5 नई खेल( बेसबॉल/सॉफ्टबॉल, सर्फिंग, स्केटबिर्डिंग, चढ़ाई/स्पोर्ट क्लाइंबिंग, कराटे ) को और शामिल किया गया है। जिसके बाद ओलंपिक खेलो कि संख्या बढ़कर 33 हो गयी है।

चलिय जानते हैं ओलंपिक खेलों को

  • एथलेटिक्स
  • आर्चरी
  • रेसलिंग
  • वेटलिफ्टिंग
  • शूटिंग
  • स्विमिंग
  • एक्रोबेटिक जिम्नास्टिक
  • आर्टिसिटिक जिम्नास्टिक
  • हॉकी
  • साइक्लिंग ट्रैक 
  • वाटर पोलो 
  • बॉक्सिंग
  • बैडमिंटन
  • बास्केटबॉल
  • फुटबॉल
  • डाइविंग
  • कैनु
  • सर्फिंग
  • बास्केटबॉल
  • टेनिस
  • आइस हॉकी
  • क्रॉस कंट्री स्किंग
  • फिगर स्केटिंग
  • लूग
  • फ्रीस्टाइल स्किंग
  • शोर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग
  • बॉब्सले
  • बायथलॉन
  • स्पीड स्केटिंग
  • अल्पाइन स्किंग
  • कर्लिंग
  • पैरालंपिक

ओलंपिक मेडल की कितनी होती है कीमत?

गोल्ड मेडल में गोल्ड 1%, सिल्वर 92.5 % तथा कॉपर 6.5% होता है। अगर गोल्ड मेडल में सिर्फ गोल्ड दिया हुआ हो तो इसकी किमत लगभग डेढ़ लाख भारतीय रुपये पहुंच जाती है।

सिल्वर मेडल भी लगभग 22000  भारतीय रुपये के पास पहुंच जाती है।

ब्रॉन्ज मेडल में 97% कॉपर 2.5% जिंक तथा 0.5% टिन की मात्रा रहती है। जिसका कीमत भारत मे 315 रुपये पहुंच जाती है।

जानकार बताते हैं कि अभी के मार्केट वैल्यू के मुताबिक अगर इन पदकों को पिघलाया जाए तो स्वर्ण पदक की कीमत करीब US $800 डॉलर यानी 59,319 रुपये होगी। 

वहीं, रजत और कांस्य मेडलों की कीमत क्रमशः $450 और $5 है। हालांकि, पिघलाने की तुलना में सामान्य पदक की कीमत ज्यादा होती है।

ओलंपिक में खिलाड़ियों को क्या-क्या मिलता है?

ओलंपिक एसोसिएशन के द्वारा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को पदकों से ही नवाजा जाता है। हालांकि, कई देश में सम्मान स्वरूप खिलाड़ियों को अलग-अलग चीजें बतौर पुरस्कार दिया जाता है।

ओलिंपिक के बारे में कुछ रोचक जानकारी 

  • ओलंपिक खेलों का आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन होता है, जिसमे दुनिया के  हर खिलाड़ी का मैडल (पदक) जितने का एक सपना होता है।
  • ओलंपिक  ( ग्रीष्मकालीन ओलंपिक ) की इस प्रतियोगिता का  1916 में  प्रथम विश्व युद्व के कारण आयोजन नही किया गया था।
  •  
  • ठीक वैसे ही द्वितीय विश्व युद्ध के कारण 4 साल 1940 और 1944 ई0 में ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन रदद कर दिया गया था।
  • ओलंपिक दुनिया को आपस मे जोड़ने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के तैराक माइकल फलेप्स ने ओलंपिक में सर्वाधिक 28 पदक जीते है। जिसमें 23 स्वर्ण पदक ही शामिल है।

Final Words on Olympic Games 

इस लेख के माध्यम से हमने जाना कि ओलम्पिक खेल क्या होते है। ओलंपिक खेलों से जुड़े लगभग सारी जानकारी को हमने इस लेख में जाना ।

इस लेख को लिखने के लिए हमने बहुत मेहनत किये है, इसलिए आपलोगो से उम्मीद करता हू की यहाँ तक अगर आपने इस लेख को अच्छे या ध्यान से पढ़ चुके है तो आपको और कही जाने की जरूरत नही पड़ेगी।

आशा करता हूं कि मेरे द्वारा बताए गए जानकारी आपको अच्छा लगा हो, अगर मेरे द्वारा दिये गए जानकारी से आप संतुष्ट है, तो इसको अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। 

अपने दोस्तों को जरूर बताएं जिस से उनलोगों को भी इसके बारे में जानकारी मिल सके।

धन्यवाद।

Hindiblog4u YouTube Video Setup

आज के लेख बिलकुल अलग है और आज इस लेख में मैं उन इक्विपमेंट्स के बारे बताने वाला हु जो मैं अपनी यूट्यूब वीडियो या सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने के लिए उपयोग करता हूँ. Hindiblog4u YouTube Video Setup जिनकी उपयोग मैं अपना YouTube चैनल के लिए वीडियो बनाने के लिए करता हूँ

यदि आप एक प्रोफेशनल YouTuber बनने पर विचार कर रहे हैं, तो ऐसी कई साड़ी चीजें हैं जिनकी आवश्यकता आपको होगी और इसमें सबसे महत्वपूर्ण आपके आवश्यक वीडियो उपकरण हैं।

Quality YouTube वीडियो बनाना उतना आसान नहीं है जितना दिखता है। 

यूट्यूब वीडियोस बनाने के लिए आप बहुत अधिक टेक्निकल नॉलेज की जरुरत नहीं होती है बस जो कंटेंट आप बनाना चाहते है ऑडियंस को बताना चाहते है उसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए और इसके साथ ही आपके पास सही इक्विपमेंट होने चाहिए जिससे वीडियो की क्वालिटी अच्छी हो.

यहां उन बुनियादी वीडियो उत्पादन उपकरणों की सूची दी गई है जिनकी उपयोग मैं अपना YouTube चैनल के लिए वीडियो बनाने के लिए करता हूँ.

  • Tripod
  • Camera
  • Microphones
  • Laptop/Desktop
  • Phone
  • Chair
  • Lighting
  • Video Editing Software

Hindiblog4u YouTube Video Setup

Video Equipments जो मैं उपयोग करता हूँ.

Tripod: 

हिलता डुलता वीडियो कंटेंट एक प्रोफेशनल वीडियो प्रोडक्शन करने में हमेशा समस्या बनेगा. इसलिए जरुरत होती है एक स्थिर वीडियो की और ऐसे में त्रिपाद जो है स्थिर फोटो और वीडियो लेने के लिए बेस्ट उपकरण है.

Tripod मैं Photron कंपनी का उपयोग करता हूँ जिसकी कीमत अभी लगभग 1190 रूपए है. 

Tripod

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Camera

वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए मैं अपना डिजिटल कैमरा और मोबाइल फ़ोन दोनों ही उपयोग करता हूँ वीडियो के अनुसार मैं कभी डिजिटल कैमरा तो कभी मोबाइल फ़ोन का उसे कर वीडियो बनता हूँ.

Canon Digital Camera 

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Mobile Phone

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Microphones

मैं ऑडियो रिकॉर्ड करने के लिए दो माइक्रोफोन का उपयोग करता हूँ. 

अगर मुझे अपने डेस्कटॉप पे ऑडियो रिकॉर्ड करना होता है तो मैं Maono का USB mic उपयोग करता हूँ वही अगर मुझे अपने मोबाइल से रिकॉर्ड करना हो तो मैं Boya का lavalier mic upyog करता हूँ.

Maono Mic

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Boya Mic

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Desktop

मैं वीडियो एडिटिंग के लिए डेस्कटॉप का उपयोग करता हूँ. मेरा डेस्कटॉप असेंबल्ड है जिसका कॉन्फ़िगरेशन मैं आपको लोगो के साथ शेयर कर रहा हूँ.

2021 के अगस्त तक मैं ये कॉन्फ़िगरेशन का कंप्यूटर उपयोग कर रहा था.

Processor : Intel(R) Core 2 Duo
RAM : 4 GB
Hard Disk : 1TB
System Type : 64-bit operating system, x64-based processor
Graphics Card : NA

और 2021 सितम्बर महीने से मैं निचे दिए गए कॉन्फ़िगरेशन का PC उपयोग कर रहा हु.

Processor : Intel(R) Core(TM) i7
RAM : 12.0 GB
Hard Disk : 1TB
System Type : 64-bit operating system, x64-based processor
Graphics Card : 2GB

Phone

मैं वीडियो शूट करने के लिए कई बार फ़ोन का ही उपयोग करता हूँ. साथ ही कई बार अपने मोबाइल फ़ोन पे ही वीडियो एडिट भी करता हूँ. इसके अलावा मैं अपने वीडियो के लिए सारे थंबनेल मोबाइल से ही बनता हूँ.

Mobile Phone

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Lighting

लाइटिंग के लिए मैं दो स्टैंड और बल्ब के साथ अम्ब्रेला का उपयोग करता हु

मैं शॉपी कंपनी का लाइट स्टैंड उसे करता हूँ. इसके साथ ही E27 सॉकेट होल्डर उसे करता हु बल्ब लगाने के लिए. 

Light Stand

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E27 Socket Bracket Studio Eu Plug

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Professional White Umbrella

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23-Watt LED Bulb

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Video Editing Software

मैं वीडियो एडिटिंग के लिए फिल्मोरा सॉफ्टवेयर का उपयोग करता हूँ इससे हम आसानी से वीडियो कर पाते है और साथ ही वीडियो में नॉइज़ रिमूव करना ट्रिम करना हो ट्रांजीशन ऐड करना सब कुछ आसानी से हो जाता है.

अगर मैं कुल इन्वेस्टमेंट की बात करू तो लगभग मैंने Rs 15500 रूपए इक्विपमेंट पे खर्च किये है पर ये सारे इक्विपमेंट्स मैंने एक बार में नहीं लिया था एक एक कर के धीरे धीरे समय के साथ लेता चला गया और इस मेरे वीडियो की क्वालिटी इम्प्रूव होती रही.

अच्छे इक्विपमेंट्स से सबसे बड़ा फायदा ये है की इससे वीडियो अच्छी क्वालिटी की शूट होती है जो चैनल और ऑडियंस दोनों के लिए ही जरुरी है.

जितने भी इक्विपमेंट्स मैं यूट्यूब वीडियो बनाने के लिए करता हूँ वो सब मैंने आप सभी के साथ शेयर किया है उम्मीद है आपका अच्छा लगा होगा. अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट सेक्शन में लिख कर मुझे जरूर बताये.

Computer Keyboard Kya Hai Keyboard Ke Button Ki Jankari

Computer Keyboard Kya Hai, इसका उपयोग क्यों किया जाता है, इसके इस्तेमाल से होता क्या है आदि सभी प्रकार के जानकारी आज हम अपने इस लेख के माध्यम से जानेंगे।

Computer keyboard  के बिना आज के युग मे कोई भी काम करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि बिना बिना कीबोर्ड के कोई भी फर्म या कोई चीज type करना  बहुत ही मुश्किल होता  है।। मुझे पूरा भरोसा है कि ऐसे बहुत से आदमी है, जिसको इसके बारे में कोई जानकारी नही है। 

तो चलिय दोस्तो हम बात करते है, कंप्यूटर कीबोर्ड के बारे में आज हम अपने इस लेख में कंप्यूटर कीबोर्ड  को पूरे विस्तार से जानते है।

जिनको भी इसके बारे में जानकारी नही है, वो इस लेख के माध्यम से आसानी से जान सकेंगे, क्योंकि हम पूरे विस्तार से इसके बारे में जानकारी को बताएंगे। 

तो चलिय दोस्तो शुरू करते है।

Computer Keyboard Kya Hai Keyboard Ke Button Ki Jankari

कंप्यूटर कीबोर्ड क्या है (What is Keyboard in Hindi)

कंप्यूटर कीबोर्ड :-  कीबोर्ड कंप्यूटर का एक मुख्य इनपुट उपकरण है।। इनमें अनेको keys होती है, इन्ही keys को दबाकर कंप्यूटर को इनपुट दिया जाता है।  कीबोर्ड की keys typewriter की keys के जैसी होती है।

कीबोर्ड का हिंदी में मतलब कुंजीपटल होता है।

“” बहुत सारे कुंजियों का समूह जो कंप्यूटर को निर्देश देने का काम आता है कंप्यूटर कीबोर्ड कहलाता है 

डेस्कटॉप कंप्यूटर के मुकाबले लैपटॉप में कुछ keys कम होती है। दिखने में कीबोर्ड कई तरह के होते है पर कार्य सब का  एक ही होता है।

डेस्कटॉप में कीबोर्ड CPU से एक write के द्वारा जुड़ा होता है, जबकि laptop में यह उसके साथ ही होता है,। कीबोर्ड का मुख्य भाग अल्फाबेट और नम्बर से बना होता है।

कीबोर्ड में कुछ महत्वपूर्ण keys भी होती है, जैसे  shift, caps, lock, tap, ctrl, alt आदि ।  किसी भी सॉफ्टवेयर में  शॉर्ट कट इन्ही keys के द्वारा बनाये जाते है।


कम्प्यूटर कीबोर्ड का इतिहास (Computer Keyboard History in Hindi)

वैसे कंप्यूटर कीबोर्ड का इतिहास कुछ ज्यादा पुराना नही है, मगर इसका पूर्वज टाइपराइटर है, इसलिए कीबोर्ड को  टाइपराइटर ही जितना budha माना जाता है।

आधुनिक कंप्यूटर कीबोर्ड का अविष्कार Christopher latham sholes, ने सन 1868 ई0  में किया था। क्योंकि इसी दिन इनको आधुनिक टाइपराइटर का पेटेंट मिला था।

एक मानक कंप्यूटर कीबोर्ड  में  कुल 104 बटन होती है, लेकिन यह संख्या कीबोर्ड निर्माता, कीबोर्ड प्रकार, कीबोर्ड डिवाइस के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते है कि यह संख्या ( +-) 100 बटन के आसपास हो सकती है।

साफ शब्दों में बोला जाए तो कंप्यूटर दो प्रकार के होती है एक QWERTY keyboard और दूसरा non – qwerty keyboard होता है।

F and J keyboard keys Par Bumps Kyun Rehta Hai


कीबोर्ड के प्रकार (Types of Keyboard in Hindi)

कीबोर्ड पर विशेष कुंजियों ( keys ) की विशेष जमावट को ही कीबोर्ड ले आउट कहते है, कीबोर्ड ले आउट ही कीबोर्ड की बनावट, कीबोर्ड के प्रकार तथा कीबोर्ड की आकर को निर्धारित करता है । 

मतलब साफ शब्दों में जाने तो कीबोर्ड लेआउट से ही कीबोर्ड की सारी जानकारी मिलती है।

आज दुनिया भर में कंप्यूटर के कीबोर्ड की विभिन्न प्रकार के ले  आउट उपलब्ध है, दुनिया के हर अलग – अलग देशों या राज्यो ने अपने भाषा और लिपि के अनुसार कीबोर्ड ले आउट को विकसित किये हुए है।

हम इन सभी कीबोर्ड ले आउट को मोटे तौर पर 2 भागो में बाटे हुए है, जिनकी जानकारी नीचे आपको मिलेंगे।

1.   QWERTY Keyboard  Layout -:  यह  कीबोर्ड ले आउट सबसे प्रचलित तथा उपयोग होने वाली कीबोर्ड ले आउट है।। दुनिया भर में तथा आधुनिक कंप्यूटर कीबोर्ड में इसी ले आउट का उपयोग अधिकांश तौर पर होता है।

QWERTY Keyboard Layout पर आधारित कुछ अन्य  कीबोर्ड ले आउट है।

     QWERTY

     QWERTZ

     AZERTY

     QZERTY

2. Non- QWERTY Keyboard Layout -:.  जिन कीबोर्ड में QWERTY keyboard layout की कुंजियों के जमावट का इस्तेमाल नही किया जाता है, उन्हें non qwerty keyboard layout कहते है, जो कुछ इस प्रकार है ।

     Dvorak

     Colemak

     Workman

मुख्य तौर पर कीबोर्ड के यही प्रकार है, जिसका उपयोग पूरे दुनिया मे किया जाता है।


कीबोर्ड के बटन की जानकारी (Information About Keyboard Button in Hindi)

QWERTY layout अबतक का सबसे प्रचलित दुनिया भर में अपनाया गया एक सही पैटर्न है,, और इस लेख में इसी प्रकार के कीबोर्ड का उपयोग करना बता रहे है।

तो चलिय आइए दोस्तो आज हम जानते है कि कीबोर्ड में कुल कितने बटन होते है, तथा इन सब के नाम क्या होते है, तथा ये कितने प्रकार के होते है, इसका उपयोग इत्यादि के बारे में जानते है।

एक सामान्य कीबोर्ड में कुल 104 keys होती है। तथा इनकी संख्या keyboard manufacturers और operating system पर भी निर्भर करती है।

इसलिए हम साफ तौर पर बोल सकते हैं कि एक Qwerty कीबोर्ड में लगभग 100 (+–)कीबोर्ड होती है।

कीबोर्ड में मौजूद प्रत्येक कुंजी का अपना एक विशेष कार्य होता है, और इसी कार्य के आधार पर इनको निम्न 6 भागो में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार है।

  1. Function Keys
  2. Typing Keys
  3. Control Keys
  4. Navigation Keys
  5. Indicator Lights
  6. Numeric Keypad

Function Keys :- function keys keyboard में सबसे ऊपर होती है, इन्हें कीबोर्ड में F1 से F12 तक लिखा जाता है।। function key का प्रयोग किसी विशेष कार्य के लिए किया जाता है।। इनका हर प्रोग्राम में एक अलग कार्य होता है।

Typing Keys -: Typing keys का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है,, typing keys में दोनों तरह की keys ( alphabet और number ) शामिल होती है।। इन्हें सामुहिक रूप से alphanumeric keys कहा जाता है। typing keys में सभी तरह के symbol तथा punctuation marks भी शामिल होते है।

Control Keys :-  इन keys को अकेले या किसी अन्य keys के साथ कोई निश्चित कार्य करने के इस्तेमाल में लाया जाता है।। एक सामान्य Keyboard में Ctrl key, Alt key, Window key, Esc key का उपयोग Control keys के रूप में किया जाता है, इसके  अलावा Menu key, Scroll key, Pause Break key, PrtScr key आदि keys भी control keys में शामिल होती है।

Navigation Keys :-.  इन keys में Arrow keys, Home, End, Insert, Page Up, Delete, Page Down आदि keys होती है। जिनका  use किसी document, webpage आदि में इधर-उधर करने के लिए किया जाता है।

Indicator Light -:  इन Keyboard में तीन तरह की Indicator light (संकेतक) होती है। Num Lock, Scroll Lock और Caps Lock.

जब Keyboard में पहली light जली होती है तो इसका अर्थ है कि Numeric Keypad चालु है।

दूसरी, light हमें letters के Uppercase और Lowercase के बारे में संकेत करती है,, ये  जब बंद होती है तो letter lowercase में होते है, और जब ये चालु होती है तो letter uppercase में होते है।

तीसरी, जिसे Scroll Lock के नाम से जाना जाता है. यह हमें scrolling के बारे में संकेत करती है।

Numeric Keyboard :- इन्हे हम Calculator keys भी कह सकते है, क्योंकि एक Numeric keypad में लगभग calculator के समान ही keys होती है, ईनका इस्तेमाल numbers लिखने में किया जाता है।


कीबोर्ड को कम्प्यूटर से कैसे कनेक्ट करते है (How to Connect Keyboard to Computer in Hindi)?

सबसे पहले तो कंप्यूटर से कीबोर्ड को जोड़ने के लिए बिजली कनेक्शन को बंद कर दे।

इसके बाद कीबोर्ड कनेक्टर का प्रकार चेक करे, यह कनेक्टर एक तार होता है, जिसका एक सिरा कीबोर्ड से जुड़ा होता है, तथा दूसरा सिरा बाहर की तरफ होता है।

बाहर वाले सिरे को ध्यान से देखे, अगर कीबोर्ड का छोर गोल है तो वह PS2 port है, और अगर आयताकार मतलब चकोर है तो usb port connecter है।

USB connecter वाला कीबोर्ड कैबिनेट के usb port में कनेक्ट होता है, और PS2 port  वाला कीबोर्ड PS2 port से कनेक्ट होता है।

इसके बाद कंप्यूटर कैबिनेट में उपयुक्त कनेक्टर ढूंढना है, इसे खोजने के लिये कैबिनेट का पिछला हिस्सा अपनी तरफ कीजिए और port का पता लगाइए।

इसके बाद सबसे पहले कीबोर्ड तार को दायें हाथ मे पकर लीजिए, फिर उपयुक्त कैबिनेट पोर्ट में कीबोर्ड कनेक्टर को घुसा दीजिए, इसे जोड़ते समय सावधानी बरतें और ज्यादा ताकत का इस्तेमाल न करे

जब कीबोर्ड जुड़ जाए तो कंप्यूटर को चालू कर के कीबोर्ड बटन को चेक कर ले। सही से जुड़ा है कि नही, अगर सही से कीबोर्ड बटन काम करे तो सही ज़ुरा है, और अगर न करे तो सही नही जुड़ा है।


Keys के प्रकार

कुछ मुख्य typing keys 

Tab key – Tab का use एक साथ कई अक्षरों का space देने के लिए किया जाता है,, इसके अलावा इसका उपयोग कुछ Keyboard Shortcuts में भी किया जाता है।।। टैब बटन कम्प्यूटर में केवले एक ही होता है, जो बाएं तरफ स्थित होता है ।

Caps lock key –  इस बटन का उपयोग सभी letters को uppercase ( बड़ा ) में लिखने के लिए किया जाता है,, सबसे बड़ी बात की जब caps lock key ऑन होगा तो सब लैटर बड़ा में लिखता है, और जब off होगा तो छोटा में लिखयेगा।

Shift keys –  Shift Keys का उपयोग letters को uppercase में लिखने के लिए किया जाता है. इसके अलावा किसी बटन के ऊपर वाले हिस्से को type करने के लिए भी Shift Keys का इस्तेमाल किया जाता है।

शिफ्ट बटन कम्प्यूटर में दो होते हैं,  एक बायां शिफ्ट बटन और दूसरा दायां शिफ्ट बटन, जब, बड़ा अक्षर बाएं हाथ से टाइप करना है तब दायां शिफ्ट बटन दबाते है और दाएं हाथ से बड़ा अक्षर टाइप करने के लिए बायां शिफ्ट दबाते हैं।

Spacebar –  Spacebar Keyboard में सबसे बड़ी key होती है, इसका उपयोग Cursor को एक space आगे खिसकाने के लिए किया जाता है।

Enter key –   Enter Key एक महत्वपूर्ण key है,,  इसका use अगली line शुरू करने के लिए किया जाता है,, और  जब Enter को दबाया जाता है तो Cursor अगली line के शुरूआत में चला जाता है।।।  Enter Key ‘OK’ button का भी कार्य  करती है।

Backspace –  Backspace का use Cursor के आगे तथा select किए हुए text को delete करने के लिए किया जाता है, इसके साथ ही अलग-अलग सॉफ्टवेयर में इसका कार्य बदल जाता है।

कुछ मुख्य control keys 

Esc keys – Esc Key का use वर्तमान में चालु किसी task को cancel करने के लिए किया जाता है, Esc Key का  पूरा नाम Escape Key है।

Ctrl keys –  Ctrl Key का पूरा नाम Control Key है,,, इसका use Keyboard Shortcuts में किया जाता है।

Alt keys – Alt Key का पूरा नाम Alter Key है,,, इसका use भी Keyboard Shortcuts में किया जाता है।

Windows logo key –  इस key का use start menu को use करने के लिए किया जाता है।

Menu keys –  Menu Key माउस के Right Click के समान ही कार्य करती है,,, यह किसी चुने हुए प्रोग्राम से संबंधित विकल्पों को open करती है।

Prtscr key – कम्प्युटर स्क्रीन की Image लेने के लिए इस Key का use किया जाता है।

Navigation key 

Arrow keys :- Arrow Keys चार होती है- Up Arrow, Down Arrow, Left Arrow तथा Right Arrow. इनका use cursor और Webpage को Arrows कि दिशा में सरकाने के लिए किया जाता है।

Home keys :- Home Key का use cursor को किसी दस्तावेज के शुरूआत मे लाने के लिए किया जाता है. इसकी सहायता से एक Web Page और Document के एक दम शुरूआत में आ सकते है।

End keys :- End Key का use cursor को किसी दस्तावेज के आखिर मे लाने के लिए किया जाता है. इसकी सहायता से एक Web Page और Document के एक दम नीचे जा सकते है।

Insert keys :-  insert Key का use Insert mode को On तथा Off करने के लिए किया जाता है।

Delete keys :- Delete Key का use Cursor के बाद के text, select किए हुए text तथा files एवं folder को delete करने के लिए किया जाता है।

Page up keys :- Page Up Key का use Cursor एवं किसी page को कुछ ऊपर सरकाने के लिए किया जाता है।

Page down keys :-  Page Down Key का use Cursor एवं किसी page को कुछ नीचे सरकाने के लिए किया जाता है।

Numeric कीबोर्ड :- numeric keypad keyboard के दाएं तरफ होता है, इसमें 0 से 9 तक संख्याये होती है, साथ ही गणीतिय चिन्ह- addition, subtraction, division, multiplication तथा decimal चिन्ह भी होते ह।


कीबोर्ड में कितने बटन होते हैं

मानक कंप्यूटर कीबोर्ड में कुल 104 बटन होती है।।। लेकिन यह संख्या कीबोर्ड निर्माता, कीबोर्ड बनावट, कीबोर्ड प्रकार, तथा कीबोर्ड डिवाइस के आधार पर कम या ज्यादा हो सकते है,

निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते है कि यह संख्या (±) 100 बटन के आसपास होती है।


कुछ मुख्य Control Keys और उनका उपयोग

वैसे तो बहुत सारे समय का बचत और बहुत सारे काम control keys से होते हैं, जिसके बारे में हम जानेंगे।

Ctrl+A=इसका उपयोग किसी भी फ़ाइल या डाटा को सेलेक्ट कर चयन के रूप में लाया जाता है।

Ctrl+B= इसका उपयोग किसी भी फ़ाइल या डेटा के अंदर जो शब्द दिए गए हो, उसको काला करने के लिए यानी हाईलाइट करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+C=  इसका उपयोग किसी फ़ाइल या डाटा की दूसरी copy बनाने के लिए किया जाता है।

Ctrl+D= इसका उपयोग माइक्रोसॉफ्ट फ़ाइल में किसी पेज के बुकमार्क के लिए किया जाता है।

Ctrl+ E=इसका उपयोग किसी पेज को मध्य में लाने के लिए किया जाता है।

Ctrl+F= ईसका उपयोग किसी फ़ाइल से डाटा को खोज करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+G= इसका उपयोग हमे किसी फ़ाइल या डाटा की खोज करते समय किस पेज या लाइन पर जाना है उसके लिए करते हैं।

Ctrl+H= इसका उपयोग किसी फ़ाइल से खोजे गए डाटा को किसी अन्य नाम से तैयार करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+I= इसका उपयोग किसी फ़ाइल या खोजे गए डाटा को तिरछा करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+J= इसका उपयोग इंटरनेट ब्राउज़र में डाऊनलोड किये गए फ़ाइल को खोलने या माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में हमारे द्वारा लिखे गए डाटा को जस्टिफाई करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+K= इसका उपयोग h.t.m.l तथा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में बनाये गए डाटा को haypling करने के लिए करते है।

Ctrl+L= इसका उपयोग माइक्रोसॉफ्ट में लिखे गए हमारे डाटा को लेफ्ट में लाने के लिए किया जाता है।

Ctrl+M=  इसका प्रयोग वर्ड प्रोसेसर तथा अन्य प्रोग्राम में इंडेंट लेने के लिए करते हैं।

Ctrl+N= ईसका उपयोग नई पेज बनाने के लिए किया जाता है।

Ctrl+O= इसका उपयोग हमारे द्वारा बनाई गई फ़ाइल को पुनः खुलवाने के लिए किया जाता है।

Ctrl+P= इसका उपयोग हमारे द्वारा बनाए गए डाटा के hard copy के रूप में करते है।

Ctrl+Q= इसका उपयोग माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में लगाए गया बुलेट को हटाने के लिए करते हैं।

Ctrl+R= इसका उपयोग पेज को रिलोड करने के रुप मे किया जाता है।

Ctrl+S= इसका उपयोग किसी डाटा फ़ाइल को संरक्षित करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+T= इसका उपयोग नई टैब खोलना तथा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एडजस्ट करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+U= इसका उपयोग माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में अंडरलाइन करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+V= इसका उपयोग किसी भी फ़ाइल में कॉपी किये हुए टेक्स्ट को पेस्ट करने के लिए करते है।

Ctrl+W= इसका उपयोग ओपन टैब या माइक्रोसॉफ्ट में खुले हुए सिस्टम को बंद करने के लिए किया जाता है।

Ctrl+X= इसका उपयोग किसी भी फ़ाइल में कॉपी किये हुए चीज को काटने या cut करने के लिए करते है । 

Ctrl+Y= य इसका उपयोग किसी भी फ़ाइल में ridu या andu करने के लिए करते हैं।

Ctrl-Z= इसका उपयोग किसी भी फ़ाइल में हमारे द्वारा लिखे हुए को पहले जैसा बनाने के लिए करते हैं।

Keyboard Shift का प्रयोग

Shift f1 –  preview टेक्स्ट फॉर्मेटिंग

Shift f2 –  कॉपी टेक्स्ट

Shift f3 –  टेक्स्ट को चेंज करने के लिए

Shift f4 – किसी भी फ़ाइल में जाने के लिए

Shift f5 –  शब्दों को मूव करने के लिए

Shift f6 –  किसी डोकोमेंट फ़ाइल में गो टू पर जाने के लिए

Shift f7 – माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में थेसर्स ऑन करने के लिए

Shift f8 – माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में करंट सिलेक्शन किये हुए हाईलाइट को कम करने के लिए

Shift f9 –  फील्ड कोच में स्विच करने के लिए

Shift f10- माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में शॉर्टकट मेनू को चलाने के लिए

Shift f11 –  पिछली फील्ड में वापस जाने के लिए

Shift f12 – किसी डोकोमेंट फ़ाइल में सेव us करने के लिए

Keyboard Alt Keys  का

Alt+ctrl+c- कॉपी राइट के लिए

Alt+ctrl+R- रजिस्टर करने के लिए

Alt+ctrl…..- कॉन्टिनुएस करने के लिए

Alt+ctrl+T-  ट्रेडमार्क के लिए

Alt+ctrl+E-  यूरो डॉलर के प्रतीक

Alt+shift+T-  इसका उपयोग करंट टाइम को जोड़ने के लिये

Alt+shift+D-  इसका उपयोग करंट तारीख को जोड़ने के लिए

Alt+Teb-  इसका उपयोग हमे यह बताता है कि कंप्यूटर पर कार्य करते समय हमे कितना खोल के रखना है।


Navigation Keys का उपयोग

Navigation Key 

Arrow keys :- Arrow Keys चार होती है- Up Arrow, Down Arrow, Left Arrow तथा Right Arrow. इनका use cursor और Webpage को Arrows कि दिशा में सरकाने के लिए किया जाता है।

Home keys :- Home Key का use cursor को किसी दस्तावेज के शुरूआत मे लाने के लिए किया जाता है. इसकी सहायता से एक Web Page और Document के एक दम शुरूआत में आ सकते है।

End keys :- End Key का use cursor को किसी दस्तावेज के आखिर मे लाने के लिए किया जाता है. इसकी सहायता से एक Web Page और Document के एक दम नीचे जा सकते है।

Insert keys :-  insert Key का use Insert mode को On तथा Off करने के लिए किया जाता है।

Delete keys :- Delete Key का use Cursor के बाद के text, select किए हुए text तथा files एवं folder को delete करने के लिए किया जाता है।।।।

Page up keys :- Page Up Key का use Cursor एवं किसी page को कुछ ऊपर सरकाने के लिए किया जाता है।

Page down keys :-  Page Down Key का use Cursor एवं किसी page को कुछ नीचे सरकाने के लिए किया जाता है।


कम्प्यूटर कीबोर्ड से संबंधित कुछ सामान्य सवाल-जवाब (FAQs on Computer Keyboard)

Q. कंप्यूटर कीबोर्ड में कितनी कुंजियां होती हैं और उनके कार्य क्या है?

मानक कंप्यूटर कीबोर्ड में आमतौर पर अक्षर सेटों को इनपुट करने के लिए 101 कुंजियाँ होती हैं जिनमें अक्षर, संख्याएँ, प्रतीक या फ़ंक्शन शामिल हैं।

Q. मुझे कंप्यूटर कीबोर्ड में क्या देखना चाहिए?

  • कार्य प्रकार
  • कीस्ट्रोक्स (स्विच)
  • डिज़ाइन
  • अनुकूलता
  • वायर्ड बनाम वायरलेस
  • अतिरिक्त फ़ंक्शन कुंजियाँ
  • कीमत

Q. F1 से F12 कुंजियों का क्या कार्य है?

फ़ंक्शन कुंजियाँ या F कुंजियाँ कीबोर्ड के शीर्ष पर पंक्तिबद्ध होती हैं और F1 से F12 तक लेबल की जाती हैं। ये कुंजियाँ शॉर्टकट के रूप में कार्य करती हैं, कुछ कार्य करती हैं, जैसे फ़ाइलें सहेजना, डेटा प्रिंट करना, या किसी पृष्ठ को ताज़ा करना

Q. CTRL A से Z का कार्य क्या है?

Ctrl + A → सभी सामग्री का चयन करें।

Ctrl + Z → किसी क्रिया को पूर्ववत करें।

Ctrl + Y → एक क्रिया फिर से करें।

Q. ऑल्ट F4 क्या है?

Alt+F4 का मुख्य कार्य एप्लिकेशन को बंद करना है

Q. कीबोर्ड के बारे में सच्चाई क्या है?

अधिकांश कीबोर्ड में 101 या 104 कुंजियाँ होती हैं

Q. कीबोर्ड कैसा दिखता है?

एक कीबोर्ड आपके कंप्यूटर में अक्षरों, शब्दों और संख्याओं सहित जानकारी डालने के लिए है।

Q. कीबोर्ड पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली की कौन सी है?

स्पेसबार कीबोर्ड पर सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली कुंजी है।

Q. सामान्य कीबोर्ड को क्या कहते हैं?

एक मानक कीबोर्ड को “QWERTY” कीबोर्ड के रूप में जाना जाता है

Q. कीबोर्ड कितने प्रकार का होता है?

  • क्वर्टी कीबोर्ड (Qwerty Keyboards)
  • वायर्ड कीबोर्ड (Wired Keyboards)
  • संख्यात्मक कीपैड (Numeric Keypads)
  • एर्गोनोमिक कीबोर्ड (Ergonomic Keyboards)
  • वायरलेस कीबोर्ड (Wireless Keyboards)
  • यूएसबी कीबोर्ड (USB Keyboards)
  • ब्लूटूथ कीबोर्ड (Bluetooth Keyboards)
  • जादू कीबोर्ड (Magic Keyboards)

Final Words on Computer Keyboard

तो चलिय दोस्तों आज इतना ही, दोस्तों आपलोगो से उम्मीद करते है कि कंप्यूटर कीबोर्ड क्या है उस से सम्बंधित हमरा यह आर्टिकल आपलोगो को पसंद आया होगा, और आपके सभी सवालों का जवाब आपको मिल गया होगा।

अगर आपको हमरा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। शेयर करना न भूले, क्योंकि आपके साथ-साथ और लोगो को भी इसके बारे में जानकारी मिल सके। 

ऐसे ही आपलोग मेरे साथ बने रहे मेरा सपोर्ट करे कि आपलोगो को बहुत सारी जरूरी की जानकारी दे pau।

Sabse Bada Desh Kaun Sa Hai

अगर आप दुनिया और देश की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आज की लेख आपके बहुत जायदा काम आने वाला है. इस ब्लॉग पोस्ट में हम बताने वाले है की विश्व का Sabse Bada Desh Kaun Sa Hai वो भी अलग अलग आधार पे. 

जब हम सबसे बारे देश की बात करने वाले है तो आपको ये भी जानना जरुरी है की दुनिया में कुल कितने देश है ? 

आज विश्व में कुल 195 देश हैं। 

अब इन 195 देश में अलग अलग देश अलग अलग आधार पर सबसे बड़े है. जो आज इस लेख में आपको जानकारी मिलने वाली है. तो हम जनसँख्या, क्षेत्रफल, टेक्नोलॉजी, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट, और आर्थिक इन सब आधार पर देखेंगे की Sabse Bada Desh Kaun Sa Hai?

तो चलिए जानते है सबसे बारे देश के बारे में वो भी विस्तार से.

Sabse Bada Desh Kaun Sa Hai

विश्व का Sabse Bada Desh Kaun Sa Hai?

देखा जाये तो इस सवाल सीधा सा कोई जवाब नहीं है इसका कारन है की अलग अलग आधार पर अलग अलग देश का नाम सबसे बारे देश की लिस्ट सबसे ऊपर आता है.

तो चलिए एक एक कर के अलग अलग पहलु को देखते हुए सबसे बड़े देश का नाम जानते है.

Sabse Bada Desh Kaun Sa Hai क्षेत्रफल में ?  क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा देश कौन सा है? 

क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया में सबसे बारे देश रूस है. इसका कुल क्षेत्रफल 17,125,200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है  

रूस क्षेत्रफल: 17,075,400 वर्ग कि.मी

कनाडा क्षेत्रफल: 9,984,670 वर्ग कि.मी

संयुक्त राज्य अमरीका क्षेत्रफल: 9,826,675 वर्ग कि.मी

चीन क्षेत्रफल: 9,598,094 वर्ग कि.मी

ब्राज़ील क्षेत्रफल: 8,514,877 वर्ग कि.मी

सबसे बड़ा देश कौन सा है जनसंख्या में ? जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा देश कौन सा है?

जनसंख्या के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा देश चीन है. 

जनसंख्या के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा देश चीन है.  चीन की कुल जनसंख्या 139.77 करोड़ है. 

चीन   1,39,77,60,000 (139.77 करोड़)

भारत  1,36,64,30,000 (136.64 करोड़)

संयुक्त राज्य अमेरिका      32,82,58,000 (32.82 करोड़)

इंडोनेशिया            279,965,000 (27.06 करोड़)

पाकिस्तान                      21,66,15,000 (21.66 करोड़)

आर्थिक स्थिति के अनुसार सबसे बड़ा देश कौन सा है?

आर्थिक उपलब्धता के अनुसार बात करे तो USA (संयुक्त राज्य अमेरिका) सबसे बड़ा देश हैं. जीडीपी भी देखा जाये तो संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे अधिक है. 

टेक्नोलॉजी के आधार सबसे बड़ा देश कौन सा है?

टेक्नोलॉजी के आधार पर सबसे बारे देश जापान है.  इसके अलावा टॉप 5 देश के नाम सांझा कर रहा हु जो टेक्नोलॉजी के आधार पर सबसे बड़े देश है.

जापान (Japan).

दक्षिण कोरिया (South Korea). 

चीन (China).

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States). 

जर्मनी (Germany). 

किस देश की जीडीपी सबसे ज्यादा है (Which country will have the highest GDP in 2021) ?

United States. GDP      – $20.81 trillion

China. GDP                  – $14.86 trillion

Japan. GDP                  – $4.91 trillion

Germany. GDP             – $3.78 trillion

United Kingdom. GDP  – $2.64 trillion

India. GDP                    – $2.59 trillion

France. GDP                 – $2.55 trillion

विश्व में वस्तुओं का सबसे बड़ा निर्यातक देश कौन सा है? (Which Country Is the Largest Exporter of Goods in the World) ?

विश्व में सबसे बड़ा निर्यातक देश चीन है.

विश्व का सबसे बड़ा आयातक देश (World Largest Importer Country)

दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश संयुक्त राज्य अमेरिका(United States of America) है .

दुनिया के 5 सबसे बड़े आयातक देश (WORLD’S 5 LARGEST IMPORTERS Countries)

देश के नाम वार्षिक आयात मूल्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) $2.35 trillion

चीन (China) $1.89 trillion

जर्मनी (Germany) $1.10 trillion

जापान (Japan) $625 billion

दोस्तों इस कह में मैंने दुनिया के सबसे बड़े देश के बारे में अलग अलग आधार पे पूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है. अगर ये जानकारी आपको अच्छी लगी तो इस ब्लॉग पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे. 

अगर आपके पास कोई जानकारी जो आप चाहते है इस लेख में जोड़ना तो कमेंट सेक्शन में हमे जरूर बताये. अगर आपका इस पोस्ट से ज़ुरा कोई सवाल या सुझाव हो कमेंट सेक्शन में हमे जरूर लिख कर बताये. 

Veto Power Kya Hai

आप में बहुत सारे लोगो ने वीटो पावर का नाम सुना होगा पर क्या आप जानते है की ये Veto Power kya hai अगर आप नहीं जानते है तो आप बिलकुल सही जगह पे है इस लेख में हमको वीटो पावर के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है.

तो चलिए जानते है की ये Veto Power Kya Hai और ये कैसे मिलता है?

Veto Power Kya Hai (What is Veto Power in Hindi)

Veto Power Kya Hai

वीटो पावर संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य अंग सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों को मिला एक ऐसा विशेषाधिकार हैं, जिसके इस्तेमाल करने पर किसी अंतरास्ट्रीय प्रस्ताव को पारित होने से रोक जा सकता है।

वीटो शब्द लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है “मैं निषेध करता हूँ”, किसी देश के अधिकारी को एकतरफा रूप से किसी कानून को रोक लेने का यह एक अधिकारी है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जब कोई प्रस्ताव विचार के लिए लाया जाता है, तो स्थायी सदस्य इस पर विचार करते है, यदि इसमें से कोई भी देश उस प्रस्ताव पर असहमति व्यक्त करता है, तो वह प्रस्ताव पास नहीं किया जाता है | इस प्रकार की शक्ति को ही वीटो पावर कहा जाता है ।

अब हम जान गए की Veto power kya hai अब वीटो पावर के बारे में विस्तार समझते hai.

वीटो पावर के फायदे.

स्थायी सदस्यों के फैसले से अगर कोई सदस्य सहमत नहीं है तो वह वीटो पावर का इस्तेमाल करके उस फैसले को रोक सकता है।।।

वीटो पावर का इस्तेमाल किसी चीज को करने से रोकने के लिए भी किया जा सकता है।

वीटो की असली ताकत यह है कि इसमें शामिल 5 सदस्यों में से अगर कोई एक सदस्य भी वीटो कर देता है तो

उस मुद्दे पर बाकी बचे 4 सदस्यों की सहमति का कोई मतलब नही होता है।

वीटो पावर कैसे मिलता है.

वीटो (Veto) लैटिन भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है ‘मैं अनुमति नहीं देता हूं  वीटो पावर उन देशों को मिलता है जो इसके काबिल हैं

वीटो पावर पाने के लिए जब सुरक्षा परिषद के सारे स्थायी सदस्य पक्ष में मतदान करें और अस्थायी सदस्यों में दो-तिहाई इसका समर्थन करें

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भारत को वीटो पावर कब मिला?

अभी तक भारत को वीटो पावर नही मिला है | 

सुरक्षा परिषद् के पांच स्थाई सदस्य के पास वीटो पावर है जिसमे  रूस, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल है. ​इनमे से कोई भी सदस्य अपनी वीटो पावर की शक्ति नहीं खोना चाहता है और यही सबसे कारन है जिससे भारत को वीटो पावर में मिलने में परेशानी है. 

दुनिया की एक बड़ी आबादी भारत  में निवास करती हैं। लेकिन भारत को संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य नहीं बनाया गया हैं।

वीटो पावर कौन कौन से देश के पास है?

अगर आप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बात कर रहे है तो पांच देश स्थायी सदस्य है जिनको Veto का अधिकार है, ये देश है:

1. सयुक्त राज्य अमेरिका (USA)

2. रूस (सोवियत संघ के विघटन के बाद ये अधिकार रूस को मिला)

3. यूनाइटेड किंगडम (UK)

4. फ्रांस

5. पीपल रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (चीन)

अमेरिका को वीटो पावर कब मिला?

अमेरिका ने अब तक 83 बार वीटो का इस्तेमाल किया है।

 पहली बार इसने 17 मार्च, 1970 को वीटो किया था। 

अमेरिका ने ज्यादातर वीटो का इस्तेमाल इजराइल के हितों की रक्षा के लिए किया था।

सुरक्षा परिषद में कितनी बार वीटो का प्रयोग किया गया?

291 बार वीटो का प्रयोग अब तक किया गया है।

सोवियत रूस ने सबसे ज्यादा वीटो का इस्तेमाल किया। अब तक यह 141 बार वीटो का इस्तेमाल कर चुका है जो अब तक के कुल वीटो का करीब आधा है।

अमेरिका ने अब तक 83 बार वीटो का इस्तेमाल किया है। पहली बार इसने 17 मार्च, 1970 को वीटो किया था। अमेरिका ने वीटो का ज्यादातर इस्तेमाल इजरायल के हितों की रक्षा के लिए किया है।

ब्रिटेन ने इसका इस्तेमाल 32 बार किया। पहली बार 30 अक्टूबर 1956 को स्वेज संकट के दौरान किया था।

फ्रांस ने 18 बार इसका इस्तेमाल किया। पहली बार 26 जून 1946 को इसका इस्तेमाल किया था।

चीन ने 15 बार वीटो का इस्तेमाल किया। चीन ने 13 मार्च 2019 को मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर एक बार इसका इस्तेमाल किया था।

सबसे पहले वीटो का प्रयोग किस देश ने किया था

1920 में लीग ऑफ नेशंस की स्थापना के बाद ही वीटो पावर वुजूद में आ गया था। उस समय लीग काउंसिल के स्थायी और अस्थायी सदस्यों, दोनों के पास वीटो पावर थी।

16 फरवरी, 1946 को सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ (यूएसएसआर) ने पहली बार वीटो पावर का इस्तेमाल किया था।

क्या वीटो पावर को संशोधित किया जाना चाहिए

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाँच प्रमुख मुद्दों पर सुधार किया जाना प्रस्तावित है:

सदस्यता की श्रेणी 

पाँच स्थायी सदस्यों द्वारा प्राप्त वीटो पावर का प्रश्न 

क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व 

सुरक्षा परिषद के आकार का विस्तार 

प्रक्रियात्मक सुधार तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद व संयुक्त राष्ट्र महासभा के बीच संबंध। इसके साथ ही अधिक स्थायी सदस्यों को शामिल करने का भी प्रस्ताव है।

Veto Power Kya Hai पर निष्कर्ष

दुनिया में किसी भी अन्य बहुपक्षीय निकाय को यूएनएससी की तुलना में सुधार की अधिक आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह अभी भी 1945 की भू-राजनीतिक आर्किटेक्चर के अनुसार गठित है। 

यदि किसी आतंकवादी को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में 10 साल का समय लगता है तो इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इसमें सुधार की कितनी आवश्यकता है। 

यूएनएससी के विस्तार पर बहस काफी समय से चल रही है किंतु अभी भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और स्थायी सदस्यों के बीच आम सहमति का न होना चिंता का विषय है। 

कथनों को मूर्त रूप देने और संयुक्त राष्ट्र की बहुसंख्यक सदस्यता की इच्छा को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का यह उपयुक्त समय है।

तो दोस्तो यह था वीटो शक्ति के बारे में उम्मीद है की अब आप जान गए होंगे की Veto Power Kya Hai। अगर  पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तो के साथ share करे

Captcha Code Kya Hai और क्यूँ उपयोग किया जाता है (2022)

दोस्तों बहुत सारे लोग कॅप्टचा कोड को देख कर परेशां हो जाते है कुछ लोगो को ये नहीं समझ आता है कि इससे क्या करना है ये क्यों दिखाया जा रहा है अगर आप के साथ भी कुछ ऐसे समस्या है तो परेशां होने की बात नहीं है.

आप बिलकुल सही जगह पे है आज आपको कॅप्टचा कोड की पूर्ण जांनकारी यहाँ पे मिलेगी.

Captcha Code kya hai, इसका उपयोग क्यों किया जाता है, इसके इस्तेमाल से होता क्या है आदि सभी प्रकार के जानकारी आज हम अपने इस लेख के माध्यम से जानेंगे।

कैप्चा कोड के बिना आज के युग मे कोई भी काम करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि बिना कैप्चा कोड के कोई भी फर्म या कोई चीज निकलना बहुत ही मुश्किल है। मुझे पूरा भरोसा है कि ऐसे बहुत से आदमी है, जिसको इसके बारे में कोई जानकारी नही है। 

तो चलिय दोस्तो हम बात करते है, कैप्चा कोड के बारे में आज हम अपने इस लेख में कैप्चा कोड को पूरे विस्तार से जानते है।

जिनको भी इसके बारे में जानकारी नही है, वो इस लेख के माध्यम से आसानी से जान सकेंगे, क्योंकि हम पूरे विस्तार से इसके बारे में जानकारी को बताएंगे। 

तो चलिय दोस्तो शुरू करते है और जानते है की Captcha Code Kya Hai?

Captcha Code Kya Hai (What is Captcha Code in Hindi)?

सबसे पहले जानते है कि कैप्चा कोड होता क्या है –  यदि हम कोई ऑनलाइन फॉर्म भरते है, या किसी चीज का रजिस्ट्रेशन करते है, या फिर किसी ब्लॉग वेबसाइट पर कॉमेंट करने की कोशिश करते है, तो उस समय एक अजीब प्रकार का कैरेक्टर सामने बॉक्स में भरने के लिए दिया जाता है, उसी अजीबो गरीब कैरेक्टर को कैप्चा कोड के नाम से जाना जाता है।

फॉर्म भरने या कोई भी ऑनलाइन काम करने से पहले एक अजीब  कैरेक्टर आता है, जैसे कि कुछ अजीब सा अल्फाबेट या अजीब सा नम्बर भरने के लिये दिया जाता है। इसे भरते समय लोग बहुत सारी गलतियां कर लेते है, जैसे कि capital l को 1 लिखना या फिर small o को 0 लिखना। इसको पहचानने में बहुत से लोगो को बहुत सा दिक्कत आता है, इसी कैरेक्टर को कैप्चा कोड बोला जाता है।

इस कैप्चा कोड की मदद से हम वेबसाइट या अन्य किसी भी app पर हम पता लगा पाते है कि इनपुट देने वाला human है, या फिर Bot.

Captcha Code Meaning in Hindi 

कैप्चा कोड का पूरा नाम होता है, यानी कैप्चा कोड का full form 

Completely Automated Public Turing Test To Tell Computers And Humans Apart”  

कैप्चा कोड को सबसे पहले yahoo कंपनी ने इस्तेमाल किया था। तथा सबसे पहले कैप्चा  सन, 2000 ईo  बनाया गया था।

कैप्चा कोड को बनाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि hackers लोग अपनी वेबसाइट पर traffic बनाने के लिए spam का इस्तेमाल करते थे। जिससे blog पर कमेंट कर के किसी भी वेबसाइट का लिंक वेजा जा सकता था। तो इसी से परेशान होकर कैप्चा कोड को बनाया गया था।

Captcha, ReCaptcha Code और I am Not Robot क्या है?

कैप्चा कोड का ही भाग captcha, Recaptcha तथा  i am not Robot एक भाग होते है i am not robot का मतलब होता है कि आप human है आप किसी भी  तरह के boat नहो है, i am not robot वाला code तथा google recaptcha code भी देखा होगा। यह दोनों code google captcha code के Algorithm पर काम करता है।

Recaptcha :-  Recaptcha गूगल के द्वारा मिलने वाली एक फ्री सर्विस है। जिसे वेबसाइट पर डालकर आप अपने वेबसाइट को spammer से बचा सकते है, यानी कि hackers से सुरक्षित रख सकते है। 

recaptcha भी कैप्चा code की तरह ही होता है, जिसे आसानी से वेबसाइट या वेब पेज लगाया जाता है।

कैप्चा कोड का उपयोग क्यो किया जाता है?

कैप्चा कोड का उपयोग hackers से सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। 

कैप्चा कोड का उपयोग सिर्फ वेबसाइट पर spam को रोकना है, बहुत सारे लोग गलत तरीको से वेबसाइट पर invalid Traffic यानी Bots भेजने का काम करता है, जो अपने वेबसाइट के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक होता है।

अगर साफ शब्दों में बात करे तो spam और hackers से बचने के लिए ही कैप्चा कोड का प्रयोग किया जाता है।

अगर आसान शब्दों में बात करे तो कैप्चा कोड एक ऐसा Security Check Technique है, जिससे हम इंसानों और बोट्स में आसानी से फर्क को समझ सकते है।

इसे भी पढ़े:

Captcha Code Full Form in Hindi

कैप्चा कोड का फुल फ्रॉम होता है ” “Completely Automated Public Turing Test To Tell Computers And Humans Apart” होता है।

Types of Captcha in Hindi

वैसे तो कैप्चा कोड का types बहुत से है, पर आज हम आपको जरूरत के कैप्चा कोड के type के बारे में बताएंगे, यानी कुछ जरूरी कैप्चा के प्रकार को बताएंगे।

Text captcha. :-  इस प्रकार के कैप्चा कोड में आपको Alphabet और number से बने एक कोड का series दिखाई पड़ेगा। इसमें सही alphabet और सही number को पहचानना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि अगर मिस्टेक हुआ थोड़ा भी यानी alphabet या number जो कैप्चा कोड में दिया गया है उससे match नही हुआ तो वो गलत हो जायेगा, 

इसलिए इसमें ध्यान रखना बहुत जरूरी हैं कि उसमें जैसे दिया हो small या capital जिस ढंग में हो वही ढंग में उस फॉर्मेट को भरे।

Image Captcha :- image कैप्चा भी एक कैप्चा कोड का रूप है, इसमें आपको कई सारे कई तरह के image या फ़ोटो दिखाई पड़ेंगे। जिसमें से आपको सही फ़ोटो का पहचान करना होगा, अगर आप किसी image को सही ढंग से पहचान नही कर पा रहे है तो आप कैप्चा को वेरीफाई नही कर पाएंगे।

Audio Captcha :-  audio कैप्चा भी एक कैप्चा का प्रकार है। audio कैप्चा में आपको आवाज यानी audio सुनाई पड़ेगा, और आपको जो सुनाई देगा मतलब जो बोला जायेगा उसको सही ढंग से चुन कर उस फॉर्मेट में भरना पड़ेगा, अगर आपने थोड़ा भी गलत सुन कर भरे यानी थोड़ा भी मिस्टेक हुआ तो कैप्चा कोड को वेरीफाई नही कर पाएंगे।

Math Solving Captcha :- math solving captcha भी एक प्रकार के कैप्चा का भाग है।  इस तरह के कैप्चा में आपको एक छोटा सा मैथ का सवाल दिया जाएगा,  जिसका सही फॉर्मेट आपको उस text box में भरना पड़ेगा,। जैसे कि ( 2 + 2 = ? ) ।। आपको ऐसे सवालों का सही जवाब उस फॉर्मेट में डालना पड़ेगा, नही तो कैप्चा कोड वेरीफाई नही हो पायेगा।

NLP Captcha :- nlp captcha भी एक प्रकार के कैप्चा का भाग है। इस तरह के कैप्चा के प्रयोग Advertising based वेबसाइट पर किया जाता है।  यहाँ आपको कुछ ads दिखाया जाता है, और उसी से सम्बंधित सवाल पूछा जाता है। जिसका जवाब आपको देना पड़ता है।

तो दोस्तो कुछ important ये थे types of कैप्चा code जिसके बारे में हमलोगों ने जाना।

Captcha Code के क्या फ़ायदा हैं?

कैप्चा कोड के बहुत से फायदे है, तो चलिए आह हम जानते हैं कि कैप्चा कोड के क्या क्या फायदे है। वैसे तो इससे बहुत सारे फायदे है, पर हम आपको कुछ जरूरी चीजों के बारे में बताते है।

  • वेबसाइट को Spam से बचाना ।
  • वेबसाइट पर बोट्स को रोकना ।
  • Website में Spam Comments को रोकना ।
  • Website पर Spam User Registration को रोकना ।

इसके अलावा भी वेबसाइट पर Captcha Code लगाने के बहुत सारे फाय्दे हैं ।

आपको अपने ब्लोग या वेबसाइट पर इसे जरुर लगाना चाहिए ।

यह सभी लाभ अगर आपको भी लेना है, और अपने वेबसाइट को spam free रखना है, तथा hackers से बचना है तो कैप्चा कोड का प्रयोग जरूर करे, ये बहुत ही ज्यादा सेफ करता है।

How to Solve Captcha Code in Hindi

आपको या मुझे सभी लोगो को कैप्चा कोड को solve करने में बहुत सी परेशानियों आती है, बहुत ही कठिन लगता है। पर ये चीज उतना कठिन भी नही है।  कठिन लगने का सबसे प्रमुख कारण है कि हमलोग जल्दी-जल्दी में इसका इस्तेमाल करने लगते है। परन्तु अगर इसको आराम से ध्यान देकर अच्छे से समझकर उसको सॉल्व करेंगे तो आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी नही आएगी।

अगर आपके सामने image कैप्चा आ रहा है, तो वहाँ आपको image को सही ढंग से पहचान करना होगा और पूछे गए फ़ोटो को ही चुनना पड़ेगा, तब ही वो सही होगा या कैप्चा कोड वेरीफाई होगा नही तो कैप्चा कोड वेरीफाई नही हो पायेगा।

वेबसाइट में CAPTCHA CODE कैसे ADD करें

दोस्तो आपलोगों को जो भी Captcha किसी भी वेबसाइट पर दिखाई पड़ता है, उसमें ज्यादातर कैप्चा script को कैप्चा प्रोवाइडर ही प्रदान करता है। आप गूगल के मदद से भी अपने वेबसाइट पर कैप्चा कोड को add कर सकते है।

गूगल के सहायता से भी कैप्चा कोड को वेबसाइट पर add कर सकते है, तथा इसके अलावा अगर आपको scripting language की जानकारी है तो आप खुद से ही कैप्चा कोड को बना सकते है।

अगर आपको programming, और scripting language की जानकारी नही है तो भी कोई बात नही घबराने की जरूरत नही है आपको, आप इसके जानकारी के बिना भी बहुत आसानी से अपनी वेबसाइट पर कैप्चा कोड को लगा सकते है।

अगर आपकी वेबसाइट WordPress में है तो आप plugin डाऊनलोड करके आसानी से कैप्चा कोड को लगा सकते है।

Captcha Code Kya Hai FAQ’s

कैप्चा क्या है?

CAPTCHA का मतलब कम्प्लीटली ऑटोमेटेड पब्लिक ट्यूरिंग टेस्ट है जो कंप्यूटर और इंसानों को अलग बताता है।

मैं कैप्चा सत्यापन कैसे पूरा करूं?

कैप्चा परीक्षण पास करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को विकृत पाठ की व्याख्या करनी होगी, प्रपत्र फ़ील्ड में सही अक्षर टाइप करने होंगे, और प्रपत्र सबमिट करना होगा।

Conclusion on Captcha Code Kya Hai

तो चलिय दोस्तों आज इतना ही, दोस्तों आपलोगो से उम्मीद करते है कि Captcha Code Kya Hai उस से सम्बंधित हमरा यह आर्टिकल आपलोगो को पसंद आया होगा, और आपके सभी सवालों का जवाब आपको मिल गया होगा।

अगर आपको हमरा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। शेयर करना न भूले, क्योंकि आपके साथ-साथ और लोगो को भी इसके बारे में जानकारी मिल सके। 

ऐसे ही आपलोग मेरे साथ बने रहे मेरा सपोर्ट करे कि आपलोगो को बहुत सारी जरूरी की जानकारी दे pau।

धन्यवाद।

Computer Kya Hai Iske Prakar Aur Visheshtay

हेल्लो दोस्तो आज हम बात करेंगे, कंप्यूटर के बारे में,  कंप्यूटर क्या होता है, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, इस से क्या फायदा है । आज हम अपने लेख में इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।

आज के युग मे बिना कंप्यूटर के जानकारी के बारे में जिन व्यर्थ है, यानी बोला जाए तो टेक्नोलॉजी के अनुसार कंप्यूटर के बारे में जानकारी रखना आज के युग मे बहुत ही जरूरी है। Computer kya hai और कैसे काम करता है और इसके बारे में जानकारी रखना आज के समय में बहुत आवश्यक है

आज कल छोटे से छोटे बच्चे भी किसी कार्य को करने के लिए कंप्यूटर का महत्व देते है, पर आज भी ऐसे व्यक्ति है जिसको कंप्यूटर के बारे में जानकारी नही होता है

तो चलिय आज हम अपने लेख में कम्प्यूटर क्या है इसके प्रकार को विस्तार से जानते है इसके फायदे और इसका उपयोग।

कम्प्यूटर क्या है (What is Computer in Hindi)?

कंप्यूटर – कंप्यूटर के बारे में जानने के लिए मुझे सबसे पहले ये जान ना होगा ये होता है, इस से क्या फायदा है, और इसका उपयोग क्यों और कैसे किया जाता है।

कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो user द्वारा इनपुट किये गया data में प्रक्रिया करके सूचनाओं को रिजल्ट के रूप में प्रदान करती है।

अर्थात साफ शब्दों में बोला जाए तो कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो यूजर द्वारा दिय गया निर्देशो का पालन करती है। इसमें डेटा को स्टोर, पुन प्राप्त, तथा प्रोसेस जैसा बहुत से कार्य करने की क्षमता होती है।

साफ शब्दों में जाना जाए तो कंप्यूटर शब्द, लैटिन के शब्द computare से लिया गया है, इसका अर्थ है कि कैलकुलेशन या गणना करना।

कम्प्यूटर की परिभाषा (Computer Definition in Hindi)

कंप्यूटर एक ऐसा मशीन है जो कुछ तय निर्देशो के अनुसार कार्य को सम्पादित करता है। यह एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जिसे जानकारी के अनुसार काम करने के लिए उपयोग किया जाता है, साफ शब्दों में बोले तो गणना या कैलकुलेशन करना।

कंप्यूटर का मुख्य तौर से 3 काम होता है, पहला data को लेना जिसे इनपुट कहते है, दूसरा उस data को प्रोसेसिंग करना, और तीसरा काम उस data के प्रोसेसिंग को दिखाना जिसे output बोला जाता है।

कंप्यूटर को हम एक ऐसा एडवांस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कह सकते हैं, जो कि raw डाटा को इनपुट के तौर में यूजर से लेता है, फिर उस data को प्रोग्राम (set of instructions) के द्वारा प्रॉसेस करता है, और आखिरी के परिणाम को आउटपुट के रूप में प्रकाशित करता है। ये दोनों न्यूमेरिकल और non न्यूमेरिकल (arithmetic aur logical) calculation को process करता है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है? (Computer Full Form in Hindi)

साफ शब्दों में बोले तो कंप्यूटर का कोई तकनीकी रूप से फुल फ्रॉम नही होता, फिर भी कंप्यूटर का एक काल्पनिक फुल फ्रॉम होता है।

Computer Ka Full Form :-

C – Commonly

O – Operated

M – Machine

P – Particularly

U – Used for

T – Technical and

E – Educational

R – Research

अगर इसे हिंदी में ट्रांसलेट करे तो, आम ऑपरेटिंग मशीन विशेष रूप से व्यपार, शिक्षा और अनुसंधान के लिये, उपयोग की जाती है।

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)

आज तक इस बात को सही से प्रमाणित नही किया गया कि कब से कंप्यूटर का डेवलोपमेन्ट शुरू किया गया। लेकिन ऑफिसियली कंप्यूटर की डेवलपमेंट को generation के अनुसार बहुत हो क्लासीफाइड 5 तरीको से अभी तक किया गया है।

1. Computer की पहली पीढ़ी (First Generation) (1940-1956) “”Vacuum Tubes””

सबसे पहले कंप्यूटर के generation vacuum tubes को circuitry और magnetic drum को मेमोरी के लिए इस्तेमाल करते थे। ये size में बहुत बड़े हुआ करते थे, तथा इसे चलाने में काफी शक्ति का इस्तेमाल होते थे। ज्यादा बड़ा होने के कारण इसमें heat की बहुत समस्या थी। इन्हें univac and eniac computers भी बोला जाता है। 

2. कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation) ( 1956-1963) “”Transistors””

सेकंड generation की की कंप्यूटर transistors ने vacuum tubes की जगह ले ली। ट्रांसिस्टर्स बहुत ही कम जगह लेते थे, छोटे थे, faster तथा बहुत ही सस्ते थे, और बहुत ज्यादा energy efficient थे।

ये पहले generation के कंप्यूटर की तुलना में कम heat generated करते थे,पर फिर भी इससे heat की समस्या थी। इसे cobol aur fortran के इस्तेमाल में लाया जाता है।

3. कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation) ( 1964-1971 ) “” Integrated circuits “””

3rd generation के कंप्यूटर में पहली बार Integrated Circuit का इस्तमाल किया गया,, जिसमे Transistors को छोटे छोटे कर silicon chip के अन्दर डाला गया, जिसे Semiconductor कहा जाता है।। इससे कंप्यूटर की processing करने की क्षमता काफी हद तक बढ़ गयी।

कंप्यूटर को ज्यादा यूजर  और friendly बनाने के लिए monitors, keyboard, और operating system का इस्तेमाल कर पहली बार मार्केट में लंच किया गया।

4. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation) (1971-1985)  “” Microprocessors”””

चौथे generation की सबसे बड़ी खासियत है, की इसमें Microprocessor का इस्तेमाल किया गया,, जिससे हजारों Integrated Circuit को एक ही सिलिकॉन chip में embedded किया गया, इससे मशीन के आकार को कम करने में बहुत आसानी हुई।।। इसके इस्तेमाल से कंप्यूटर की efficency बहुत ही बढ़ गयी जिससे ये बहुत ही कम समय मे बहुत बड़ी-बड़ी कैलकुलेशन करने लगी।।

5. कंप्यूटर की पांचवी पीढी (Fifth Generation) ( 1985-present ) “” Artificial intelligence”””

5वा generation आज के दौर का है, जहाँ की Artificial Intelligence ने नयी-नयी Technology जैसे Speech recognition, Parallel Processing, Quantum Calculation जैसे बहुत से advanced तकनीक इस्तेमाल  में आने लगे हैं। 

कंप्यूटर की Artificial Intelligence होने के कारण स्वयं decision लेने की क्ष्य्मता कंप्यूटर में  आ चुकी है।

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?

ऐसे तो कंप्यूटर के फील्ड में बहुत से लोगो ने अपना योगदान दिया, लेकिन सबसे ज्यादा योगदान Charles Babbage ने दीया, क्योंकि उन्होंने ने 1837 में सबसे पहले Analytical engine निकाला था।

उनके engine में ALU, Basic Flow control और Integrated Memory की concept लागु की गयी थी. इसी model पे ही Base करके आजकल के कंप्यूटर को design किया गया. इसी कारन उनका योगदान सबसे ज्यादा है. तभी उनको कंप्यूटर के जनक के नाम से भी जाना जाता है.

इसे भी पढ़ें:

कंप्यूटर कैसे कार्य करता है (How Computer Works in Hindi)?

Input (data) :-  input वो step है जिसमें की raw इन्फॉर्मेशन को इनपुट डिवाइस में इस्तेमाल करके कंप्यूटर में डाला जाता है, ये कुछ भी हो सकते है, जैसे लैटर, वीडियो, या पिक्चर।

Process :- process के दौरान इनपुट हुए data को instruction के अनुसार processing की जाती है, ये पूरी तरह से इंटरनल प्रोसेस है।

Output :- output के दौरान जो data पहले से प्रोसेस हो चुकी हो उसको रिजल्ट के तौर में show किया जाता है। इस रिजल्ट को हम भविष्य में देखने के लिए save कर के मेमोरी रख सकते हैं ।

कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर

कंप्यूटर हार्डवेयर :- कंप्यूटर हार्डवेयर को हम एक ऐसा फिजिकल डिवाइस कहते है जिसे हम अपने कंप्यूटर में इस्तेमाल करते है।

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर :- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का मतलब होता है कोड्स का कलेक्शन, जिसे हम अपने मशीन के hard drive में इनस्टॉल करते है, हार्डवेयर को चलाने के लिय।

उदाहरण के तौर पर जो हम कंप्यूटर मोनिटर, माउस, सब का इस्तेमाल करते है, वो कंप्यूटर हार्डवेयर होता है।। जबकि इंटरनेट ब्राउज़र ,और ऑपरेटिंग सिस्टम ये सब सॉफ्टवेयर होते है।

कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer in Hindi)

कंप्यूटर के कोई गिनित प्रकार नही होते है, हम बता दे आपको की कंप्यूटर अनेको प्रकार के होते है, कंप्यूटर विभिन्न shape और विभिन्न साइज के होते है, इनका इस्तेमाल हम जरूरत के अनुसार करते है।

जैसे ATM पैसे निकालने के लिए, scanner किसी barcode को स्कैन करने के लिए, कैलकुलेटर किसी  कैलकुलेशन के लिए जैसे अन्य विभिन्न types के होते है कंप्यूटर। Desktop, Laptop, Tablet, severs आदि।

कंप्यूटर का उपयोग (Application of Computer in Hindi)

देखा जाए तो हम अपने जीवन मे अनेको जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है। ये हमरा देखते देखते सरीर का एक अंग बन गया है। चलिय हम इसका उपयोग बताते है।

शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग :

शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का बहुत बड़ा योगदान है, आज के युग मे अगर किसी बच्चों को किसी चीज के बारे में जानकारी न हो तो कंप्यूटर के मदद से किसी भी चीज को आसानी से जान लेता है।

कंप्यूटर की मदद से लर्निंग परफॉर्मेंस में बहुत मदद मिल रही है, तथा ऑनलाइन क्लासेज भी अच्छे ढंग घर पे बैठ कर लोग इसका लाभ उठा पा रहे है।

Health and medicine :

कंप्यूटर health और मेडीसिन के लिए एक वरदान है, इसके मदद से आजकल बहुत अच्छे ढंग से मरीजो का इलाज आसानी से हो जाता है। 

आजकल सब कुछ डिजिटल हो गया है, जिससे मरीजो के आसानी से रोग के बारे में पता लग जाता है, और ऑपरेशन और इलाज में  बहुत मदद मिल जाता है।

विज्ञान के क्षेत्र में कंप्यूटर का योगदान :

इससे रिसर्च में बहुत ही असानी होती है, आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा है, जिसे colobarretry भी कहा जाता है।। जिससे दुनिया के सारे साइंटिस्ट एक साथ मिलकर काम करते है।

Business :-  

Business में इसका बहुत बड़ा हाथ है productivity और competitiveness को बढाने के लिए इसका इस्तेमाल  मुख्य तौर से Marketing, Retailing, Banking, Stock Trading में होता है।

Recreation and entertainment : 

Entertainment के लिए एक नया अड्डा बन गया है,, जैसे movies, sports या restaurants हर जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है।

Government :

आजकल गवर्नमेंट भी इस पर बहुत फोकस दे रही है। यदि हम बात करें Traffic, Tourism, Information & Broadcasting, Education, Aviation सभी जगह कंप्यूटर के इस्तेमाल से हमारा काम बहुत हो आसन हो गया है.।

Defence :

कंप्यूटर का इस्तेमाल सेना में भी काफी हद तक बढ़ गया है, जिस कारण हमारी सेना पहले से बहुत ज्यादा सशक्त बन गया है। जिस से आजकल सभी कामो के कंप्यूटर के मदद से कंट्रोल किया जाता है।

कंप्यूटर के लाभ

कंप्यूटर से आजकल मानव जीवन मे बहुत लाभ हो रहा है।  वैसे ये बात बिल्कुल सही है कि कंप्यूटर मानव जीवन को बहुत सहज बना दिया है, अपने incredible Speed, Accuracy और Storage के मदद से बहुत ही आसान बना दिया है।

इससे इंसान जब चाहे कुछ भी save कर सकते हैं, और कुछ भी आसानी से खोज सकते है, खुद को कंप्यूटर के माध्यम से अपने डाटा को secure और सुरक्षित रख सकते है। कंप्यूटर एक बहुत ही versatile machine होता है।

कंप्यूटर के मदद से कोई भी आदमी आसानी से multiple task, multiple operation, numerical problems को calculate कर सकते हैं वो भी कुछ seconds यानी बहुत ही कम समय मे।

इसकी बहुत बड़ी advantage है इसकी high स्पीड की जो कि कोई भी टास्क को कम्पलीट करने में मदद करती है, वो भी बहुत ही कम समय मे।

कंप्यूटर एक low cost solution होता है, क्योंकि इसमें कोई इंसान बहुत ज्यादा मात्रा में data को कम budget में save कर सकता है।

कंप्यूटर अपने calculation को लेकर बहुत ही accurate होते है, इसमें गलती  होने की संभावना न के बराबर होती है।

कंप्यूटर हमारे डिजिटल डाटा को unauthorized users जैसे कि cyber attack या access attack से रक्षा करती हैं।

कंप्यूटर के हानि

कंप्यूटर से हानि जो होते है चलिय उसके बारे में जानते है।

1. Virus और hacking attacks:-

Virus एक destructive program होता है और hacking उस unauthorized access को कहा जाता है,, जिसमें Owner को इसके बारे में पता नही लगता।

इस virus को आसानी से email attachment के द्वारा फैलाया जाता है,, कभी – कभी USB से तथा कोई infected वेवसाईट से इन्हें अपने कंप्यूटर तक पहुंचाया जाता है।

वही ये एक बार कंप्यूटर तक पहुंच जाए तो ये कंप्यूटर को पूरी तरह बर्बाद कर देती है।

2. Online cyber crime :- 

Online cyber crime को करने के लिए कंप्यूटर और नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है,, वही cyberstalking और identify theft भी cyber crime के अंदर ही आता है।

3. Employment opportunity में घटौती होना :- 

कंप्यूटर एक साथ बहुत से काम को करने में सक्षम होता है, इसलिए employment opportunity को भारी नुकसान हुआ।

इसलिए banking sector से लेकर government sector सभी जगह लोगो के स्थान में बेरोजगारी बढ़ते जा रही है, ये सब कंप्यूटर का ही वज़ह है।

कंप्यूटर का भविस्य

वैसे तो कंप्यूटर में दिन ब दिन काफी टेक्नोलॉजी बदलाव आ रहे है पहले कंप्यूटर पूरा घर मे आता था, लेकिन अब कम्प्यूटर हाथ मे ही आ जाता है। धीरे-धीरे काफी सस्ती, और ज्यादा परफॉर्मेंस और ज्यादा कैपिसिटी वाली बन रही है।

एक टाइम ऐसा भी आएगा कि कंप्यूटर खुद काम करेगा,,आजकल Scientists Optical computer, DNA Computer, Neural Computer और Quantum Computer के ऊपर ज्यादा research कर रहे हैं ।  

इसके साथ साथ ही Artificial Intelligence के ऊपर भी बहुत ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है ताकि ये खुदबखुद अपना काम सुचारू रूप से कर सके।

कंप्यूटर क्या कार्य करता है?

एक कंप्यूटर का कार्य यह होता है कि वो यूजर से इनपुट लेता है, निर्देश के अनुसार उसे प्रोसेस करता है, और उसकी रिजल्ट को अपने आऊटपुट डिवाइस के माध्यम से यूजर को दिखता है।

CPU कंप्यूटर के सभी भागों के कार्य को नियंत्रित करता है।

कम्प्यूटर फील्ड में करियर

आज के युग में कंप्यूटर आम जिंदगी का खास हिस्सा बन गया है, चाहे वह इंजन, घड़ी, ओवन, टेलीफोन, वीडियो गेम्स, एटीएम या मार्केट ही क्यों न हो।

कंप्यूटर के बिना कुछ भी सोच पाना आज के दौर में संभव नहीं है। जैसे-जैसे सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हुआ, यह हमारी अर्थव्यवस्था में भी सबसे तेजी से विकसित होने वाला भाग बन गया।

इसलिए आजकल कंप्यूटर  सिर्फ इंजीनियरिंग तक ही सीमित नही रहा, बल्कि हर एक क्षेत्र में कंप्यूटर का अपना योगदान है।।।

नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर :- हर छोटी या बड़ी कोई भी कंपनी में नेटवर्किंग बहुत जरूरी हो गया है, जिससे वो एक साथ काम कर सके।। चाहे वो सब आईटी सेक्टर से जुड़ी हो या न हो।

कंप्यूटर प्रोग्रामर :- प्रोग्रामर को ज्यादातर सॉफ्टवेयर कंपनियों में करना करना होता है।।आजकल प्रोग्रामिंग भाषाएं जैसे सी, सी++, जावा, डॉट नेट और अन्य वेब एप्लिकेशन तेजी से बढ़ रही हैं। इस क्षेत्र में तरक्की के लिए इन भाषाओं की जानकारी होना आवश्यक है।

सॉफ्टवेयर टेस्टर :-  सॉफ्टवेयर टेस्टर का काम सॉफ्टवेयर डेवलपर्स द्वारा बनाए गए काम का विश्लेषण करना है, और उसकी कार्यपद्धति की जांच करना है। इस कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर बहुत ज्यादा हैं, क्योंकि यह एप्लिकेशन गेम्स के सॉफ्टवेयर की जांच में भी सहायक है।

डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर :-  कंप्यूटर का वैज्ञानिक भी इसे कहा जाता है। इनको कई तरह के काम करने होते हैं जैसे हार्डवेयर या रोबोट आदि बनाना, डाटा कम्युनिकेशन के लिए नेटवर्क डिजाइन करना, उन नेटवर्क की देखभाल करना, वेबसाइट सही रखना और सही डाटा को स्टोर करना इत्यादि।

साइबर लॉ :-  इंटरनेट से जुड़ी हुई जितनी भी कानूनी समस्याएं या अपराध हैं,  वे साइबर लॉ के तहद ही हल की जाती हैं। साइबर वकील को कंप्यूटर से जुड़े हुए अपराधों के बारे में पता कर उन्हें हल करना होता है जैसे हैकिंग, क्रेडिट कॉर्ड छल, डिजिटल हस्ताक्षर, बिजनेस ट्रांजेक्शन और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को संभालना होता है। इन्हें प्रॉपर्टी लॉ या कॉपीराइट, सॉफ्टवेयर पेटेंट, नेटबैंकिंग जैसे मुकदमे लड़ने होते हैं।

ग्राफिक डिजाइनिंग :- आजकल यह नौकरी सबसे ज्यादा चलन में है, क्योंकि इस क्षेत्र में तरह-तरह की नौकरियां उपलब्ध हैं जैसे वेबसाइट डिजाइन, वीडियो गेम्स बनाना, अलग-अलग कंपनियों के लोगो डिजाइन, एनिमेशन करना या विज्ञापन बनाना आदि।

ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां कंप्यूटर न पहुंचा हो। आजकल सरकारी क्षेत्रों में भी आईटी ऑफिसरों की जरूरत है।

कंप्यूटर पर अंतिम शब्द 

तो चलिय दोस्तो मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को कंप्यूटर क्या है (What is Computer in Hindi), कंप्यूटर के गुण तथा सीमाएं लिखिए और कंप्यूटर के प्रकार के बारे में पूरी जानकारी दी और आशा करता हूँ आप लोगों को इस कंप्यूटर  के बारे में समझ आ गया होगा।

अब तो आप आसानी से समझ गए होंगे कंप्यूटर के बारे में।

अगर मेरे द्वारा बताई गई जानकारी आपको अच्छा लगा हो तो इसको सब दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे। जिससे कि जिसको नही पता हो इसके बारे में वो भी जान सके, कंप्यूटर क्या होता है, और इसके क्या क्या फायदा और हानि है।         

धन्यवाद।

Guru Nanak Jayanti Kab, Kyon Aur Kaise Manate Hai?

Guru Nanak Jayanti 2022: दोस्तों आज हम बात करेंगे गुरु नानक जयंती के बारे में, गुरु नानक कौन थे, क्या थे, इत्यादि अनेको जानकारी आज इस लेख में उनके बारे में जाएंगे।

तो चलिय दोस्तो हम जानते है गुरु नानक के बारे में, गुरु नानक के बारे में बहुतो को पता ही नही होगा ये कौन थे और इनके बारे में अनेको जानकार।

ये सीखो के प्रथम गुरु थे, तथा नानक का नाम गुरु नानक कैसे और क्यो पड़ा, इन सारी जानकारी को आज हम इस लेख के द्वारा जानेंगे, तो चलिय दोस्तों इनके बारे में सारे जानकारी विस्तार से जानिए।

गुरु नानक जयंती क्या है 

गुरु नानक देव जी सीखो के पहले गुरु थे। आंडबर और अंधविश्वास के कट्टर विरोधी गुरु नानक के जन्म कार्तिक पूर्णिमा को मानया जाता है। इनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी नामक स्थान पर एक किसान के यहाँ हुआ था।

गुरु नानक जी, बाबा नानक और नानकशाह के नाम से भी जाने जाते है। अपने व्यक्तितव में ये दार्शनिक, योगी, ग्रहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक,कवि,देशभक्त,और विश्वबंधु सभी गुणों से सम्पूर्ण थे।

गुरु नानक देव जी गुरपुरब, जिन्हें गुरु नानक के प्रकाश उत्सव और गुरुनानक देव जयंती के रूप में मनाते है। गुरु नानक देव के जन्म का जश्न सिख लोग बहुत धूम- धाम से मनाते है । कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाया जाता है।

गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है?

हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिखो के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का जयंती मनाया जाता है। 

गुरु नानक देव जी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है। क्योकि गुरु नानक देव जी ने कुर्तियों और बुराइयों को दूर कर लोगो के जीवन मे नया प्रकाश भरने का कार्य किये।

सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी है। गुरु नानक देव जी ने ही सिख धर्म का स्थापना किये थे। समाज से बुराइयों को हटाने के लिए इन्होंने आपने परिवारिक जीवन और सब सुखों को त्याग कर, दूर-दूर तक यात्राय किये, और लोगो के अंदर सचाई और अच्छाई का भावना का विकास किये।

गुरु नानक देव जी ने परिवारिक सुख को त्याग कर मरदाना, लहना, बाला और रामदास इन चार साथियो को लेकर तीर्थंयात्रा पर निकल गए। 

इनहोनो सिर्फ भारतवर्ष ही नही बल्कि अफगानिस्तान और फारस के भी कुछ क्षेत्रों में यात्रा किये। गुरु नानक में समाज मे फैले अंधविश्वास और जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से कार्य किये। यही सबसे प्रमुख कारण है कि हर धर्म के लोग उन्हें सम्मान करते है, तथा उनके जन्मदिवस को पर्व के रूप में मनाते है।

इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को लोग गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में मनाते है।

गुरु नानक जयंती कब है?

वैसे तो इनका जन्म तिथि 15 अप्रैल को है, परन्तु गुरु नानक जयंती कर्तिक पूर्णिमा को ऑक्टोबर-नवम्बर में दिवाली के 15 दिन बाद ही मानाते है।

Guru Nanak Jayanti 2022 Date (गुरु पर्व 2022)

मंगलवार 8 नवम्बर 2021 को गुरु नानक जयंती मनाया जाएगा। 

गुरु नानक जयंती पर्व तिथि

जयंती तिथि               – मंगलवार, 8 नवंबर 2022

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ     – 11:59 बजे (8 नवंबर 2022) से

पूर्णिमा तिथि समाप्त  – 14:26 बजे (9 नवंबर 2022) तक

प्रकाश पर्व कब और क्यों मनाया जाता है.

सिख समुदाय के लोग दिवाली के 15 दिन बाद गुरु नानक जयंती या प्रकाश पर्व मनाते है, गुरु नानक जयंती को ही प्रकाश पर्व के रूप में जाना जाता है। सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक जयंती को ही प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।

प्रकाश पर्व हर समाज के हर लोगो को साथ मे रहने, और कमा कर खाने, और मेहनत ईमानदारी से किसी कार्य को करने का उपदेश देते है।

कहा जाता है कि गुरु नानक देव महाराज महान यूगपुरुष थे,। इस अवसर पर गुरुद्वारे के सेवादार संगत को गुरु नानक देव जी के बताया गए रास्ते पर चलने का संकेत देती है। गुरु नानक देव जी ने समाज मे रहने वाले बुराइयों को दूर करने में अपना पूरा जीवन गुजार दिए।

भगवान एक है। एक ही गुरु है और कोई नहीं। जहां गुरु जाते हैं, वह स्थान पवित्र हो जाता है। भगवान को याद करने, मेहनत से कमाई करने और उसके बाद बांट के खाने का संदेश दुनियाभर में देने वाले ऐसे ही गुरु को सिख समुदाय उनकी जयंती पर याद करता है। गुरु नानक देव के जयंती के रूप में मनाई जाने पर्व को ही पप्रकाश पर्व के रूप में मनाते है।

गुरु नानक जी कौन थे?

गुरु नानक जी सीखो के सबसे पहले  गुरु तथा सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु नानक जी का जन्म पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गाँव मे हुआ था, 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन इनका जन्म हुआ था। 

इनके पिता कल्याण या मेहता कालू जी और माँ तृप्ति के घर इनका जन्म हुआ था। गुरु नानक जी हिन्दू परिवार में जन्मे थे।

सिख धर्म मे मान्यता हैं कि गुरु नानक देव बचपन से ही विशेष शक्तियों के धनी थे, अपने बहन नानकी से बहुत कुछ सीखने को मिला। उनका शादी बहुत पहले 16 साल की ही उम्र में हो गया, सुलखिनी से शादी हुई, जो कि पंजाब की रहने वाली थी। 

उनको 2 पुत्र भी हुए श्रीचंद, और लख्मी। इन दोनों बच्चों के जन्म के कुछ दिन बाद ही गुरुनानक तीर्थ पर निकल गए। उन्होंने काफी लंबा और काफी जगहों पर यात्राय किये।

इस यात्रा में उनके साथ मरदाना, लहना, बाला और रामदास भी गए। इस यात्रा के दौरान सबको उन्होंने समाजिक कुर्तियों के खिलाफ जागरूक रहने की प्रेरणा दिया। उन्होंने भारत, अफगानिस्तान तथा अरब के कई स्थान पर भर्मण किये। उन्होंने मूर्ति पूजा को निर्थक माना, और रूढ़िवाद सोच का विरोध किये।

उन्होंने अपने सिख धर्म के अनुयायीयो के लिए अपने जीवन के तीन मूल सिद्धांत जपो, कीरत करो और वांडा चखो बता के गए। उनका मृत्यु 22 सेप्टेंबर 1539 को हुआ था.।

गुरु नानक जी के उपदेश

गुरु नानक जी अपने शिष्यों को 10 उपदेश दिए। गुरुनानक जी के शिक्षा का बस एक ही उपदेश है कि परमात्मा, एक अनंत सर्वशक्तिमान और सत्यहै। मूर्ति पूजा आदि सब निरर्थक है। नाम-स्मरन ही सर्वपरि तत्व है, और नाम गुरु के द्वारा ही प्राप्त होता है।।

गुरुनानक जी ने जो 10 उपदेश अपने शिष्यों को दिए वो इस प्रकार है-

1. ईश्वर एक है। 

2. सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो। 

3. ईश्वर सब जगह और प्राणी मात्र में मौजूद है।

4. ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता। 

5. ईमानदारी से और मेहनत कर के उदरपूर्ति करनी चाहिए। 

6. बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएं। 

7. सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मांगनी चाहिए। 

8. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से ज़रूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए। 

9. सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं। 

10. भोजन शरीर को जि़ंदा रखने के लिए ज़रूरी है पर लोभ−लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।

गुरु नानक जयंती का महत्व:

इस दिन का महत्व बहुत ही अधिक है । गुरुनानक जयंती के महत्व सिख धर्म के लिए बहुत खास है। ऐसा कहा जाता है कि गुरुनानक जी का सांस्कारिक कर्यो में मन नही लगता था। वो ईश्वर की भक्ति और सत्संग में ज्यादा रहते थे। भगवान के प्रति उनका ऐसा समर्पण देख लोग उनको दिव्य पुरूष मानने लगे।

गुरुनानक जयंती को हर साल बेहद उत्सुकता से मनाया जाता है, क्योंकि सीखो के 10वे गुरु में से सबसे पहले गुरुनानक देव जी है। 

इतना ही नही सिख धर्म के संस्थापक भी इन्हें ही बोला जाता है। इन्ही के जन्मदिन के अवसर पर कार्तिक पूर्णिमा के समय इनका जयंती बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता हैं।

यही कारण है कि उनको एक दैविक चमत्कार से कम नही माना जाता है । गुरुनानक जयंती गुरू की शिक्षायो को याद करने और उनकी पूर्णविरती करने का दिन है। 

प्रथमिक सिद्धान्तों में से एक ईश्वर में विश्वास था, जिसे एक ओंकार के रूप में भी जाना जाता है और ईश्वर की इच्छा या वाहेगुरु के लिए प्रस्तुत किया जाता है।

सिख धर्म के पवित्र ग्रन्थ, गुरु ग्रन्थ साहिब में इसका विशेष विस्तृत शिक्षाएँ मिलती हैं।

सिख धर्म के गुरुओं के नाम

सिख धर्म के 10 गुरु थे, जिनमें सबसे पहले गुरु एव सिख धर्म के जनक गुरुनानक देव जी थे। उसके बाद 9 गुरु हुए जिनमें सिख धर्म के अंतिम तथा दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह थे।

सिख धर्म के 10 गुरु थे,जो इस प्रकार है-

  1. गुरु नानक देव जी (1469-1539)
  2. गुरु अंगद देव जी (1539-1552)
  3. गुरु अमर दास (1552-1574)
  4. गुरु राम दास (1574-1581)
  5. गुरु अर्जुन देव (1581-1606)
  6. गुरु हरगोविंद (1606-1644)
  7. गुरु हर राय (1645-1661 )
  8. गुरु हरकिशन (1661-1664)
  9. गुरु तेग बहादुर सिंह ( 1664-1675)
  10. गुरु गोविंद सिंह (1675-1699) 

सबसे पहले गुरु तथा सिख के संस्थापक गुरुनानक देव जी थे, उसके बाद उन्होंने अपने दोनों बेटों को छोड़कर दूसरा गुरु अंगद देव जी को बनाए। फिर तीसरे गुरु अमर दास जी बने, गुरु अंगद की उन्होंने बहुत सेवा की,जिससे प्रसन्न होकर इनको गुरु बनाये। 

चौथ गुरु राम दास जी बने जो की अमर दास के दामाद थे।

उसके बाद पांचवा गुरु अर्जुन देव बने,जो गुरु अमर दास के पुत्र थे। इसके बाद अर्जुन देव के पुत्र गुरु हरगोविंद छठा गुरु बने। 

फिर सातवें गुरु हर राय बने,जो हरगोविंद के पुत्र थे। फिर आठवें गुरु हरकिशन साहिब बने, जो हर राय के पुत्र थे । 

इसके बाद गुरु तेगबहादुर नौवा गुरु बने।

इसके बाद सिख धर्म के अंतिम गुरु गोविंद सिंह बने। जो की गुरु तेगबहादुर के पुत्र थे।

तो चलिय दोस्तो आज हमने जाना गुरुनानक देव के बारे में बहुत कुछ 

अगर मेरे द्वारा बताय गए जानकारी अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना न भूले। ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे, जिससे जो नही जनता हो उसको भी जानकारी मिल सके।

धन्यवाद।

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