Krishna Janmashtami Kyon Manate Hai | जन्माष्टमी कब है 2022 में

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जन्माष्टमी पर्व बरे ही धूम धाम से मनाया जाता है और हर साल इस दिन को लोग बरे हर्षा और उल्लास के साथ मनाते है पर बहुत सरे लोगो को ये नहीं पता होता है की Krishna Janmashtami Kyon Manate Hai और इससे कैसे मानना चाहिए. 

अगर आपको भी नहीं पता है की जन्माटष्ट्मी कैसे मनाया जाता है तो इस पोस्ट में आपको पूरी जानकारी मिलने वाली है.

आज हम बात करते है, जनमाष्टमी के बारे में। कृष्णजन्माष्टमी हिन्दुओ का एक पावन त्योहार है। 

आज हम अपने लेख में जनमाष्टमी के बारे विस्तार से जानेंगे, तो चलिए शुरू करते है, क्यों भारत ही नही बल्कि विदेशों में भी इस पर्व का इतना महत्व है ।

Krishna Janmashtami Kyon Manate Hain

Janmashtami Ka Itihaas

भगवान श्री कृष्ण जो की विष्णु के आठवे अवतार थे कृष्णजन्माष्टमी उनका जनमोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के 

जन्माष्टमी को भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं।

अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में मथुरा में जन्म लिए।

इसलिये भगवान श्री कृष्ण स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं।

इस पावन पर्व के मौके पर भगवान की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु इस दिन पर मथुरा पहुंचते हैं।

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जाता है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष बारह बजे तक अपना व्रत रखते हैं। 

इस शुभ दिन पर मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और साथ ही रासलीला का भी आयोजन किया जाता है.

Janmashtami Ka Mahatva

माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत करने पर भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं। 

जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर होता है अगर वो लोग इस दिन पूजा करते हैं तो उन्हें अच्छे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति और संतान प्राप्ति के साथ-साथ दीर्घायु भी होती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जनमाष्टमी के दिन बाल गोपाल को झूला झुलाने का भी बहुत ज्यादा महत्व है। 

लोग मंदिरों के साथ-साथ अपने घरों में भी बाल गोपाल को झूला-झूलाते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कृष्ण जी को झूला झुलाता है तो उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Krishna Janmashtami Kyon Manate Hai

श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंश का विनाश करने के लिए मथुरा में जन्म लिया। 

इसलिये भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे, अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। 

इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है।

श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इनका जन्म देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में मथुरा में हुआ था

उन्होंने मथुरावासियों को निर्दयी कंस के शासन से मुक्ति दिलाई ।

इतना ही नहीं महाभारत के युद्ध में पांडवों को जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी ।

Janmashtami Kaise Manayi Jati Hai?

जन्माष्टमी कई जगह अलग-अलग तरीक में मनाई जाती है। 

कई जगह इस दिन फूलों की होली भी खेली जाती है तथा साथ में रंगों की भी होली खेली जाती है। 

जन्माष्टमी के पर्व पर झाकियों के रूप में श्रीकृष्ण का मोहक अवतार देखने को मिलते है। 

मंदिरो को इस दिन काफी सहजता से सजाया जाता है। और कई लोग इस दिन व्रत भी रखते है। 

जन्माष्टमी के दिन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को झूला झूलाया जाता है। जन्माष्टमी को मथुरा नगरी में बहुत ही हर्षोल्लास से मानाया जाता है। 

जोकि श्रीकृष्ण की जन्मनगरी है।

जन्माष्टमी एक ऐसा त्योहार है जिसे लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते है। इस पवित्र दिन में भक्त मंदिरों में भगवान से प्रार्थना कर उन्हें भोग लगाते है।

 इस दिन लोग अपने घरों में बालगोपाल को दूध, शहद, पानी से अभिषेक कर नए वस्त्र पहनाते है।

Dahi aur Handi Ka Kya Mahatva Hai?

श्रीकृष्ण को माखन दूध, दही काफी पसन्द था जिसकी वजह से पूरे गांव का माखन चोरी करके खा जाते थे। 

एक दिन उन्हें माखन चोरी करने से रोकने के लिए, उनकी मां यशोदा को उन्हें एक खंभे से बांधना पड़ा और इसी वजह से भगवान श्रीकृष्ण का नाम माखन चोर पड़ा।

वृन्दावन में महिलाओं ने मथे हुए माखन की मटकी को ऊंचाई पर लटकाना शुरू कर दिया, जिससे की श्रीकृष्ण का हाथ वहां तक न पहुंच सके, लेकिन नटखट कृष्ण की समझदारी के आगे उनकी ये योजना भी व्यर्थ साबित हुई

माखन चुराने के लिए श्रीकृष्ण ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर योजना बनाई और साथ मिलकर ऊंचाई में लटकाई मटकी से दही और माखन चुरा लिया।

 वही से प्रेरित होकर दही हांडी शुरू हुआ ।

जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी उत्सव भी मनाया जाता है.

शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। भगवान के जन्म की खुशियां मनाने के लिए दही हांडी का आयोजन किया जाता है।

Janmashtami Kab Hai 2022 Me? | Janmashtami 2022 Date

इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5248 वां जन्मोत्स्व है 

इस वर्ष 18 अगस्त को कृष्ण जनमाष्टमी मनाई जाएगी।

भाद्रपद मास के कृष्ण अष्टमी पर हुआ था देवकीनंदन का जन्म, कृष्ण जन्मोत्सव भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है ।

भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर राहिणी नक्षत्र में हुआ था। अधर्म के ऊपर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है भगवान श्रीकृष्ण का जन्म।

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Janmashtami Par Pakvan

इस पवन पर्व के मौके पर भक्त अपने आराध्य देव श्री कृष्ण को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाते हैं. मान्यता है कि छप्पन भोग से भगवान श्री कृष्ण खुश होते हैं और उन्हें पूजने वालों को मनवांछित फल भी देते हैं।

नारियल और (मगज) खरबूजे की बीज की कतली

गोंद की बर्फी जन्माष्टमी के लिए 

खजूर के लड्डू

आटे का चूरमा

पंजीरी 

मूंग की कतली मूंगफली का बर्फी

नारियल और धनिया की बर्फी

गरी मखाने का पाग

मावा लड्डू

खसखस का हलवा

कोनी का खीर

कोनी बर्फ़ी

सिंघाड़े के मामले का हलवा

लौकी का हलवा

आलू का हलवा

शकरकंद का हलवा

कोनी और मावा की बर्फी

मथुरा पेड़ा, इत्यादि।

जन्माष्टमी करने से क्या होता है?

जन्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने वालों को पाप लगता है।

मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को गौ अति प्रिय हैं। इस दिन गायों की पूजा और सेवा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक धार्मिक उत्सव या व्रत के अपने कुछ नियम व मान्यताएं होती हैं। कहा जाता है कि इन मान्यताओं का पालन करने पर ही व्रत/पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है।

आगे जानिए जन्माष्टमी कौन से काम नहीं करना चाहिए 

किसी का अनादर न करें

भगवान ने प्रत्येक इंसान को समान बनाया है इसलिए किसी का भी अमीर-गरीब के रूप में अनादर या अपमान न करें। लोगों से विनम्रता और सहृदयता के साथ व्यवहार करें। आज के दिन दूसरों के साथ भेदभाव करने से जन्माष्टमी का पुण्य नहीं मिलता।

तामसिक आहार न लें

ऐसी मान्यता है कि जिस घर में भगवान की पूजा की जाती है या कोई व्रत रखता है उस घर के सदस्यों को जन्माष्टमी पर्व के दिन लहसुन और प्याज जैसी तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन पूरी तरह से सात्विक आहार की ग्रहण करना चाहिए।

ब्रह्मचर्य का पालन करें

मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने वालों को पाप लगता है।

गायों को न सताएं

मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को गौ अति प्रिय हैं। इस दिन गायों की पूजा और सेवा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। किसी भी पशु को सताना नहीं चाहिए।

चावल या जौ का सेवन न करें।

शास्त्रों के अनुसार, एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल या जौ से बना भोजन नहीं खाना चाहिए। चावल को भगवान शिव का रूप भी माना गया है।

रात 12 से पहले न खालें व्रत

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत करने वाले को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म होने तक यानी रात 12 बजे तक ही व्रत का पालन करन चाहिए। इससे पहले अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। बीच में व्रत तोड़ने वालों को व्रत का फल नहीं मिलता।

उम्मीद करता हु की अब आपको Krishna Janmashtami Kyon Manate Hai के बारे में पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी

दोस्तो जन्माष्टमी के बारे मे बताये गए जानकारी आपको अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ इस जानकारी को share जरूर करे।

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Verman Babu
वर्मन बाबू एक professional blogger है | ये Blogging, SEO, Affiliate Marketing, Make money online, Internet, BlogSpot, WordPress, Computer-related tips, How to guides, Email marketing, Social media, Tips, and tricks इत्यादि से रिलेटेड article लिखते है | नयी चीज़ के बारे में जानना सोचना और Blogging के द्वारा अपनी जानकारी सबके साथ शेयर करना इन्हें अच्छा लगता है |

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